साधु व तुफान को पराजित कर हिटलर बना चैम्पियन

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बक्सर खबरः प्रसिद्ध पशु फाल्गुनी मेला में शनिवार को आमंत्रित घोड़ा रेस प्रतियोगिता के साथ ही मेला संम्पन्न हो गया। रेस प्रतियोगिता को लेकर विवाद उत्पन्न होने से अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। ब्रह्मपुर के लगने वाले पशु मेला में घोड़ा रेस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए 18 घोड़ों ने भाग लिया। सेमी फाइनल से दो-दो घोड़े, चुने गये टोटल तीन सेमी फाईनल की दौड़ में छः घोड़े फाईनल दौड़ में चुने गये। तीन चक्र के फाईनल रेस में छः घोड़ों ने भाग लिया। अंत में रेफरी द्वारा सभी घोड़ों को फाउल कर दिये जाने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया। परिणामस्वरूप दिलदार नगर के वंश नारायण राय तथा डुमरी के सिंकु सिंह अपने घोड़े को प्रथम तथा द्वितीय विजेता होने का दावा करते हुए फाईनल से अपने को अलग कर लिए। आयोजकों द्वारा फाईनल के लिए फिर से दौड़ की घोषणा करने के बाद इन दोनों लोगों ने दौड़ का बहिष्कार कर दिया। दूसरी बार फाईनल दौड़ में बरिसवन गांव के रामाशंकर तिवारी के घोड़े को प्रथम विजेता घोषित किया गया। दुसरा पुरस्कार बिलौटी के विक्की त्रिपाठी के घोड़े साधू को और रंगनाथ सिंह के घोड़ तुफान को तिसरा पुरस्कार दिया गया। सात्वनां पुरस्कार हरिवंश राय के घोड़े कन्हैया को दिया गया। घोड़ा रेस का उद्घाटन करते हुए पूर्व मंत्री कोपरेटिव बैंक के प्रभारी ऋषिकेश तिवारी ने कहा ने कहा कि इससे भारत की ग्रामीण संस्कृति तथा पशुपालन को बढ़ावा मिलता है अंत में तिवारी के विजेता घोड़ा मालियों को पुरस्कार प्रदान किया इस अवसर पर मेला मालिक पंकज कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मेला का भी आयोजन शानदार रूप से किया जायेगा। संचालन पप्पु तिवारी ने किया इस अवसर पर प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी गोपाल जी सिंह, छोटे तिवारी, ददन यादव, हरे राम मिश्र, राकेश पाण्डेय, धीरज ओझा, सुरेन्द्र सिंह आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इस चर्चित घोड़ा रेस को देखने े लिए हाई स्कूल का मैदान दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था।

विजेता ट्राफी के साथ घोड़ा मालिक
विजेता ट्राफी के साथ घोड़ा मालिक

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