अनाथ हो गया पांच बच्‍चों का परिवार

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बक्‍सर खबर (8जून): डुमरांव ठठेरी बाजार में रहने वाला अर्जुन महज चौदह वर्ष की आयु में घर का मुखिया बन गया है। यह  उसकी बदकिश्‍मती है। क्‍योंकि उस सर से पिता और मां दोनों का साया छिन गया है। अव्‍यस्‍क होने के कारण उसके पास न तो रोजगार है न किसी तरह की आर्थिक सहायता। बेहाल राजु के परिवार से मिलने बुधवार को डुमरांव राज परिवार के युवा नेता शिवांग विजय सिंह मिलने पहुंचे। उनका दर्द सुन सबकी आंखे छलक आयी। पिता गौरी शंकर बक्‍सर में मजदूरी करते थे। लगभग दो साल पहले ट्रक से केले उतारने के दौरान बिजली का करंट लग गया, उनकी मौत हो गयी। मां सिंधू देवी अपने पांच बच्‍चों का भरण पोषण करने लगी। वह घरों में चौका बर्तन करती थी। लेकिन पिछले माह की 20 तारीख को वह भी चल बसी। टीवी के रोग ने उसका जीवन छिन लिया। अब पांच भाइयों में सबसे बड़ा अर्जुन है। उसका कहना है कि राशन का कार्ड पिता जी के नाम से था। उनके जाने के बाद से अब राशन भी नहीं मिलता। उसका दर्द सूनने वाला कोई नहीं। उसका दर्द सूनने के बाद शिवांग विजय सिंह ने कहा फिलहाल भरण पोषण की जरुरतों पर ध्‍यान दिया जाएगा।

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