‌‌‌इसे कहते हैं पुलिसिंग : चार टिमों ने चौदह जगह की रेड, तीन अपराहर्ता गिरफ्तार

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-48 घंटे के सफल ऑपरेशन ने दिलाई सफलता, घर पहुंचा शिवम, मांगे थे 75 लाख
बक्सर खबर। शहर के मठिया मोड, नया बाजार से लगभग दो वर्ष आयु के शिवम का अपहरण कर लिया गया था। अपहृत शिवम को पुलिस ने 29 जून को ही बरामद कर लिया। लेकिन, अपहरण की योजना बनाने वाले तीन अपराधियों को गिरफ्तार करना सबसे बड़ी चुनौती थी। इस ऑपरेशन को पुलिस की चार टिमों ने 48 घंटे में सफलता पूर्वक अंजाम दिया। कुल तीन अपराधी पकड़े गए। जिन्हें आज बुधवार को मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया गया। एसपी यूएन वर्मा ने बताया यह सभी मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। बच्चे के लिए परिवार वालों को फोन कर 75 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। जो गिरफ्तार हुए हैं। उनमें आकाश कुमार (19) पुत्र देवानंद झा, निवासी रोशी सरफुद्दीनपुर, थाना बोचहा, प्रविण कुमार (21) पिता रामेश्वर ठाकुर, निवासी ग्राम घोसरामा, थाना पियर, मुकेश ठाकुर (24) पुत्र रामजीवन ठाकुर ग्राम सखौरा, थाना पियर (तीनों जिला मुजफ्फरपुर) शामिल हैं। इनके पास से सात मोबाइल फोन, 15 सिम व दो बाइक बरामद की गई है।

इसे कहते है पुलिसिंग, दो डीएसपी व 20 पुलिस कर्मी लगे थे अभियान में
बक्सर खबर। शिवम के अपहरण के 12 घंटे भी नहीं गुजरे थे। पुलिस ने उसे आरा से बरामद कर लिया। एक अपहर्ता भी पकड़ा गया। जिसका नाम आकाश कुमार है। पुलिस चाहती तो ऑपरेशन वहीं बंद कर सकती थी। लेकिन, बच्चे के लिए पूरी रात जगे रहे एसपी यूएन वर्मा ने कहा। इसमें जितने भी लोग शामिल हैं। सभी पकड़े जाने चाहिए। सदर डीएसपी सतीश कुमार, डुमरांव डीएसपी केके सिंह को निर्देश दिया गया। बक्सर और डुमरांव टीम के सभी काबिल अफसर इसमें लगाए गए। डीआईयू टीम के अविनाश, मलाकार समेत नगर कोतवाल रंजीत कुमार, औद्योगिक प्रभारी दिनेश मलाकार, आलोक कुमार सभी लोग बरामदगी में जुट गए। नतीजा सकारात्मक रहा। जिन फोन नंबरों से फोन किया गया था। उनके आधार पर सभी को दबोच लिया गया। पुलिस की इस सफलता से अगर कोई सबसे ज्यादा खुश था। तो वह था शिवम का परिवार। अपने जिगर के टुकड़े को पाकर सभी खुश थे।

परिवार वालों के साथ शिवम

अब किराएदार से भी रहना होगा सावधान
बक्सर खबर। शिवम के अपहरण की योजना एक दिन में नहीं बनी थी। इसके लिए लंबे समय से तैयारी चल रही थी। पढ़ने वाला छात्र बनकर जो युवक विष्णु कुमार के घर में रह रहा था। उसका एक दोस्त भी पहले उस घर में ठहरा हुआ था। उसने अपना नाम पता वहां गलत बताया था। लेकिन, फिरौती मांगने की चाल ने उन सभी को बेनकाब कर दिया। इस लिए गैर जिले के लोगों को किराएदार रखने से पहले उनके हावभाव को जानना बहुत जरूरी है। अन्यथा ऐसी वारदातें किसी और के साथ भी हो सकती हैं। इस तरह के अपराधी पहले भी जासो रोड और डुमरांव में रहकर घटनाओं को पूर्व में अंजाम दे चुके हैं।

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