डीएम को सता रही है छात्रों के भविष्य की चिंता, फिर पहुंचे नियोजन केन्द्र

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– स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड व केवाईपी सेंटरों पर है उनका जोर
बक्सर खबर। छात्रों के भविष्य को लेकर डीएम अंशुल अग्रवाल काफी सक्रिय हैं। शनिवार को वे पुन: जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र पहुंचे। वहां के अधिकारियों के साथ उन्होंने समीक्षा बैठक की। अपने छोटे कार्यकाल के दौरान यह उनका चौथवा-पांचवा (संख्या कम ज्यादा हो सकती है) दौरा रहा। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि सभी केवाईपी सेंटर जो अपने क्षमता के अनुसार 60% के कम लाभार्थी को प्रशिक्षण दे रहे हैं। वे शत प्रतिशत निर्धारित क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण दे। साथ ही केवाईपी सेंटर के जांच हेतु एक जांच दल गठन करने का निर्देश दिया।

जो इन सेंटरों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता एवं विभाग द्वारा निर्धारित माप दण्ड के अनुसार जांच करेंगे। जांच दल में जिला नियोजन पदाधिकारी बक्सर, डीपीएम लीड एवं दो डीएसएम रहेंगे। उन्होंने नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना एवं स्वयं सहायता भत्ता योजना में प्रगति लाने हेतु एक विस्तृत कार्य योजना बनाए। पाठकों को हम बता दें। पिछले ही सप्ताह सभी हाई स्कूल के प्राचार्यों के साथ बैठक की थी।

और छात्रों को इस योजना का लाभ मिले। इसके लिए स्कूल स्तर से ही पहल हो। इसका सुझाव सभी को दिया था। इसके अलावा मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना के अंतर्गत ऐसे लाभार्थी जो इंटरमीडिएट पास कर किसी भी संस्थान में पढ़ाई नहीं कर रहे हैं और बेरोजगार हैं। उनको दो साल के लिए प्रत्येक माह 1000 रूपये दिया जाता है। कुशल युवा प्रोग्राम के तहत कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान एवं भाषा ज्ञान (हिंदी एवं अंग्रेजी) दिया जाता है। इन सब पर उनका ध्यान है। साथ ही अगर कोई दिव्यांग शिक्षा लेना चाहता है। तो उसे विशेष सुविधा मिलती है।

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