‌‌‌ देख रहे थे कृष्ण लीला, और धरती छोड़ चले गए भगवान के धाम

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-किला मैदान में गजाधर गोड ने त्याग दिए प्राण, आए थे करने पिंडदान
बक्सर खबर। प्रदीप जी का एक भजन है, इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले, गंगा जी का तट हो और सांवरा निकट हो। शायद बहुत से लोगों ने यह भजन नहीं सुना हो। लेकिन, आज शनिवार को बक्सर में ऐसा ही हुआ गजाधर गोड़(72 वर्ष) के साथ। दोपहर के वक्त वे रामलीला मंच पर बैठकर कृष्ण लीला देख रहे थे। हाथ में गंगा जल से भरा गैलन था। वे स्वयं भी गंगा स्नान कर लौटे थे। और प्रभु की लीला देखते-देखते इस धरा को छोड़ कर उनके धाम निकल गए। जब लोगों ने सुना तो यही कहा अच्छा आदमी था, अच्छी गति मिली है।

ग्रामीणों ने बताया वे डुमरांव थाना के लाखनडिहरा गांव के निवासी थे। पितृ पक्ष के अंतिम दिन अपने पितरों को जल देने बक्सर आए थे। पिंडदान व तर्पण करने के बाद किला मैदान में साथियों का इंतजार कर रहे थे। सामने रामलीला मंच पर कृष्ण लीला का मंचन हो रहा था। सो बैठ गए प्रभु की लीला देखने। लेकिन, इसी बीच उनके प्राण शरीर से निकल गए। सूचना मिली तो मौके पर नगर थाने की टीम भी पहुंची। उनका शव वहां पड़ा था और पास से गंगा जी का जल। जिसने देखा वह यही कह रहा था, आदमी नेक था। तभी ऐसी गति मिली है। उनके साथ गांव के लोग भी मौजूद थे।

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