होशियार : बहन के अत्याचार से भाई है परेशान

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-भूमि विवाद के कारण रिश्ता हुआ तार-तार
बक्सर खबर। संपत्ति का लोभ लोगों को कहीं का नहीं छोड़ता है। इससे सिर्फ रिश्ते ही तार-तार नहीं होते मानवता भी शर्मसार हो जाती है। ताजा मामला शहर से सटे बड़का नुआंव गांव का है। यहां के निवासी मुन्ना राय अपनी बहन के अत्याचार से परेशान हैं। जिनका नाम शीला राय है। लेकिन, अब रिश्ता इतने नाजुक मोड़ पर आ गया है कि उन्हें बहन कहने में भी शर्म आ रही है। इसकी वजह क्या है? इस सवाल के जवाब में वे अपना दर्द बताते हैं। शीला राय ने जमीन के लिए मेरे खिलाफ नगर थाने में दुष्कर्म का झूठा मुकदमा 2013 में दर्ज करा दिया। पिता को भी साजिश के तहत बलात्कार के मुकदमे में आरोपी बना दिया गया। हालांकि पुलिस की जांच में वह मुकदमा गलत साबित हुआ।

शीला राय ने अपने हिस्से के लिये बटवारा का मुकदमा सन 61/ 2011 बक्सर सिविल कोर्ट में दायर किया। मुकदमा के दौरान हीं 2014 में फर्जी तरीके से जमीन भी बेच दिया। शीला राय बड़का नुआंव निवासी स्वर्गीय शिवपूजन राय की पुत्री है। सन 2018 में शीला राय मुकदमा हार गई। मुकदमा हार जाने के बाद 08/2019 अपील दायर की है, जो बक्सर न्यायालय में लंबित है। शीला राय को न्यायालय द्वारा कोई हक्क-वो-हिस्सा नहीं मिला, क्योंकि शिवपूजन राय की सभी संपत्ति स्वअर्जित सम्पत्ति घोषित कर दिया। आपको बता दें कि पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है पर स्व अर्जित संपत्ति  में नहीं। इसी वजह से न्यायालय ने उनके विरूद्ध फैसला दिया। विवाद को देखते हुए पिता शिवपूजन राय ने अपने जीवन काल में ही अपनी सभी सम्पत्ति को मुन्ना राय की पत्नी शांति राय को वसीयत कर दिया।

शान्ति राय ने शिवपूजन राय के मृत्यु उपरांत बक्सर न्यायालय में प्रोबेट मुकदमा 13/2020 दायर किया जो न्यायालय द्वारा शान्ति राय के नाम से प्रोबेट ग्रांट कर आदेश पारित किया, इसी बीच शीला राय ने अंचलाधिकारी बक्सर (प्रियंका राय) से मिलकर फर्जी तरीके से दाखिल-खारिज करा लिया। वहीं दाखिल-खारिज को लेकर आजकल असमाजिक तत्वों के साथ शहर में घूम रही है। अंचलाधिकारी बक्सर द्वारा फर्जी दाखिल खारिज को रद्द करने के लिये शान्ति राय ने उप समाहर्ता भूमि सुधार, बक्सर में अपील सं० 207, 208, 209 और 232 दायर किया है। जो न्यायालय में विचाराधीन है। एक तरफ शीला राय मुकदमा हार कर अपील दायर की हैं। दूसरी तरफ फर्जी तरीके से दाखिल-खारिज करा कर जमीन बेचने का प्रोपेगेंडा अपना रही है। न्यायालय से बड़ा कोई नहीं है, सत्य और झूठ कितना दिन चलेगा, सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं। भाई ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा वह जमीन झूठ बोलकर बेचने पर आमादा हैं। लोगों को ऐसे लोगों से बचना चाहिए।

 

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