कौन खा जाता है स्कूल पहुंचने से पहले बच्चों का चावल

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-मुखिया प्रतिनिधि ने करायी तौल तो सामने आई गड़बड़ी
बक्सर खबर। मध्याह्न भोजन योजना के तहत स्कूलों में बच्चों को चावल दिया जा रहा है। क्योंकि लॉकडाउन की वजह से स्कूल चल नहीं रहे। लेकिन, जो चावल की आपूर्ति हो रही है। उसका वजन कम होता है। स्कूल के शिक्षक इसका विरोध नहीं करते। क्योंकि इसको लेकर विभाग से कोई टकराना नहीं चाहता। लेकिन, बीते दिन अरियांव पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बबलु सिंह ने इस गड़बड़ी को उजागर कर दिया।

हुआ कुछ यूं कि मंगलवार को कन्या मध्य विद्यालय में चावल उतर रहा था। वहीं पर मुखिया प्रतिनिधि व अन्य लोग मौजूद थे। वृद्धा पेंशन का शिविर चल रहा था। मुखिया प्रतिनिधि ने चावल की बोरियों का वजन करा दिया। किसी भी बोरे में पचास किलो चावल नहीं मिला। सूचना मिली तो मीडिया के लोग भी पहुंचे।

पूरा मामला सामने आते ही लोगों में इस बात की चर्चा होने लगी। आखिर बच्चों के हिस्से का चावल कौन खा रहा है। हालांकि इन दिनों चावल की आपूर्ति करने वाले संवेदक भी शिक्षा विभाग में काम नहीं कर रहे। विभाग स्वयं ही राज्य खाद्य निगम से चावल का उठाव करता है। उसे स्कूल भेजता है। ऐसे में चावल की चोरी कहा हो रही है। इसकी निगरानी तो सरकारी सिस्टम में शामिल लोग ही कर सकते हैं।

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