‌‌‌जनक दुलारी की देख छवी प्यारी रघुवर अपलक निहारे हैं

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-संपन्न हुई फुलवारी की लीला, आठ दिसम्बर को होगा राम विवाह
बक्सर खबर। शहर के नया बजार में चल रहे 52 वें सीता-राम विवाह महोत्सव का सोमवार को छठा दिन था। यहां उत्सव के दौरान फुलवारी का मंचन हुआ। जहां जनक जी की वाटिका में पहली बार भगवान श्रीराम और जनक नंदिनी सीता जी एक दूसरे के सामने आए। लेकिन, बक्सर में होने वाले उत्सव के दौरान फुलवाही की बहुत ही आकर्षक मंचन होता है। संत समाज इसे सिर्फ लीला नहीं भगवत उपासना मानता हैं।

फुलवारी के दृश्य में माली बने महंत राजा राम जी

जिसे देखने के लिए देश के कई राज्यों से संत व महात्मा यहां पहुंचते हैं। स्वयं सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम के महंत राजाराम दास ही माली बनते हैं। वे राम व लक्ष्मण जी के साथ ऐसा संवाद करते हैं कि मजबूरन भगवान को सीता की जय बोलनी पड़ती है। जब यह समय आता है तो बक्सर के महान संत मामा जी द्वारा रचित गीत राम ने सीया की जय जय कार बोल हृदय में घोल दी मिठास गाया जाता है।

-फुलवारी दर्शन के लिए देश के अन्य हिस्सों से पहुंचे संत-महात्मा

इस अवसर पर मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र देवाचार्य जी महाराज, बसांव पीठाधीश्वर अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज, पूज्य रामस्नेही संत हरिराम शास्त्री, जोधपुर के बृज बिहारी दास जी भक्तमाली, मोहन दास जी हाराज, महामण्डलेश्वर बनवारी दास जी महाराज, सीताराम दास त्यागी जी, हरिराम जी, किशोरी शरण दास जी, राघव दास जी सहित अनेक संतों की उपस्थिति रही।

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