भ्रष्टाचार के आरोप में राजपुर के सीओ निलंबित

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-मिलेगा जीवन यापन भत्ता, बंदोश्ती से जुड़ा था मामला
बक्सर खबर। राजपुर के अंचल अधिकारी अमलेश कुमार को राजस्व विभाग ने निलंबित कर दिया है। उनके विरूद्ध भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। यह मामला विधानसभा में उठा। उसके बाद अनुशासनिक प्राधिकार ने इसकी जांच की। आरोप सही पाए जाने पर उनके विरूद्ध कार्रवाई हुई है। सूचना के अनुसार राजपुर अंचल के हरपुर गांव का तालाब उन्होंने एक व्यक्ति को बंदोबस्त कर दिया। मामला प्रकाश में आने के बाद राजपुर के विधायक विश्वनाथ राम ने विधानसभा में उठाया था। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के आदेश पर जांच शुरू हुई। अनुशासनिक प्राधिकार समिति के द्वारा मामले की जांच की गई और आरोपों पर अधिकारी से जवाब मांगा गया। उनके जवाब से प्राधिकार संतुष्ट नहीं हुआ और उन्हें इसका दोषी माना।

विभाग के संयुक्त सचिव कंचन कपूर के द्वारा पत्र जारी कर अंचलाधिकारी के निलंबन की पुष्टि कर दी गई है। पत्र में संयुक्त सचिव ने बताया है कि विधानसभा सत्र के दौरान विधायक के द्वारा पूछे गए प्रश्न के आलोक में जब मामले की समीक्षा की गई तो यह पाया गया कि अंचलाधिकारी के द्वारा बगैर किसी कारण के सरकारी जमीन का किसी रैयत के नाम पर जमाबंदी कायम करना गंभीर अनियमितता तथा लापरवाही है। ऐसे में अंचलाधिकारी को अनुशासनिक प्राधिकार के द्वारा निलंबित करते हुए पटना प्रमंडल स्थित आयुक्त कार्यालय में योगदान करने का निर्देश दिया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।

क्या था पूरा मामला
बक्सर खबर। राजपुर अंचल अंतर्गत आने वाले हरपुर गांव में बिहार सरकार का तालाब है। अंचल कार्यालय के द्वारा विश्वनाथ सिंह के नाम से बंदोबस्त कर दिया गया। तालाब 65 डिसमिल में फैला हुआ है। इस मामले के संदर्भ में अंचलाधिकारी का कहना था कि अंचल निरीक्षक और राजस्व कर्मचारी रामाशंकर राम के प्रतिवेदन के आधार पर खाता संख्या 354 एवं प्लाट नंबर 145 के अधीन पोखरा को बंदोबस्त किया गया है। जबकि ग्रामीणों का आरोप था। तालाब बहुत पुराना और गहरा है। इसमें जमा पानी से खेतों की सिंचाई होती है। हाल ही में जल-जीवन हरियाली अभियान प्रारंभ हुआ तो इसके जिर्णोद्धार की मांग उठी। तब यह मामला पूरी तरह खुलकर सामने आया।

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