जो सनातन और सांस्कृतिक विकास की बात करेगा, विश्वामित्र सेना उसी का देगी साथ बक्सर खबर। विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने बुधवार को चुरामनपुर स्थित एक निजी रेस्टोरेंट में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि “बक्सर की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान को अब तक सभी राजनीतिक दलों ने नजरअंदाज किया है।” उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जो भी दल बक्सर के उत्थान और विकास की बात करेगा, उसी का विश्वामित्र सेना समर्थन करेगी। चौबे ने कहा कि बक्सर में ‘विश्वामित्र कॉरिडोर’ का निर्माण और प्रभु श्रीराम की भव्य प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए। इन दोनों निर्माणों के बाद देश और विदेश से हिंदू श्रद्धालु बक्सर आएंगे। तभी यहां एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज, हायर एजुकेशन सेंटर और फाइव स्टार होटल जैसे विकास कार्य तेजी से होंगे।
बक्सर के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “बक्सर का इतिहास अयोध्या और काशी से भी पुराना है। भगवान राम ने यहीं शिक्षा ली थी। यहीं ताड़िका वध, अहिल्या उद्धार और च्यवनप्राश का आविष्कार हुआ।” उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि आजादी के बाद जितने भी सांसद या विधायक बने, उन्होंने बक्सर के विकास को कभी प्राथमिकता नहीं दी, “क्योंकि उनका जन्म यहां नहीं हुआ था। लेकिन मेरा जन्म बक्सर में हुआ है, इसलिए यहां की उपेक्षा मुझे चुभती है।” उन्होंने कहा कि “जब तक बक्सर को उसकी खोई पहचान वापस नहीं मिलती, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।” इस मौके पर विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अशोक उपाध्याय, शाहाबाद संयोजक कृष्णा शर्मा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।