पॉकेट कांडों में फाइनल रिपोर्ट नहीं देने पर हुई कार्रवाई, तीन दिन में अंतिम प्रपत्र देने का निर्देश बक्सर खबर। जिले की पुलिस व्यवस्था को लेकर पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज सैकड़ों पॉकेट कांडों में महीनों बीतने के बावजूद अंतिम प्रपत्र या आरोप पत्र जमा नहीं करने वाले 100 पुलिस अफसरों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। इस आशय का आदेश जिलादेश संख्या 951/2025 के तहत दिनांक 11 जून को जारी किया गया। आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि जनवरी से मार्च तक दर्ज हुए पॉकेट कांडों में कार्रवाई बेहद धीमी रही है, जिससे वादियों को न्याय मिलने में देरी हो रही है और पुलिस की छवि भी खराब हो रही है।
जिले भर के औद्योगिक थाना, राजपुर, इटाढ़ी, धनसोई, डुमरांव, नगर, मुफस्सिल, नयाभोजपुर, सोनवर्षा, सिकरौल, कोरानसराय, वासुदेवा, नावानगर समेत तमाम थानों में तैनात पदाधिकारियों की लंबी लिस्ट इस कार्यशैली की लापरवाही का प्रमाण है।औद्योगिक थाना के पुलिस अवर निरीक्षक समेत तीन अफसरों पर कार्रवाई। राजपुर थाना के 10 अफसरों पर कार्रवाई। डुमरांव थाना के 11 से ज्यादा पुलिस पदाधिकारी वेतन रोके जाने की सूची में मुफस्सिल थाना से 20 से अधिक नाम शामिल नया भोजपुर, सोनवर्षा, सिकरौल, कोरान सराय, नावानगर जैसे थानों से भी अफसरों की लंबी सूची कुल मिलाकर जिले के प्रत्येक थाने से पुलिस अफसर लापरवाही के घेरे में आ चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि “सभी पदाधिकारी अगले तीन दिनों के अंदर लंबित पॉकेट कांडों में फाइनल रिपोर्ट समर्पित करें, नहीं तो आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” साथ ही, यह आदेश तीन प्रतियों में जिला प्रशासन, लेखापाल कार्यालय, सभी अनुमंडल और थाना प्रभारी को भेजा गया है। अफसरों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया गया है कि “वेतन तभी मिलेगा जब अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी जाए।”