बक्सर उत्थान मंच ने निकाला विरोध मार्च, गिरफ्तारी को बताया पक्षपातपूर्ण बक्सर खबर। शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में जहां विरोध की लहर तेज हो रही है, वहीं अपने शहर में भी इसका व्यापक असर देखने को मिला। मंगलवार को बक्सर उत्थान मंच के बैनर तले स्थानीय रामरेखा घाट से एक जबरदस्त विरोध मार्च निकाला गया, जो शहर के वीर कुंवर सिंह चौक पर जाकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला दहन कर आक्रोश व्यक्त करने के साथ संपन्न हुआ।शर्मिष्ठा पनोली ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक विवादित वीडियो पोस्ट किए गए थे। इस वीडियो को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और गिरफ्तारी भी कर ली गई, जबकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली थी और वीडियो भी डिलीट कर दिया था। न कोई दंगा हुआ, न कोई सामाजिक तनाव, फिर भी कार्रवाई कर दी गई।
प्रदर्शन में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि यह कार्रवाई एकतरफा और पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वजाहत कादरी जैसे लोगों पर देवी-देवताओं का अपमान करने के केस दर्ज हैं, फिर भी गिरफ्तारी नहीं होती। लेकिन अगर कोई हिन्दू समाज की बात करता है तो उसे तुरंत जेल भेज दिया जाता है। बक्सर उत्थान मंच के नेताओं ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने अपनी राजनीतिक पार्टी की आड़ में बहुसंख्यक समाज की आस्था को चोट पहुंचाने का “ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट” खोल रखा है। आए दिन हिन्दू धर्म को अपमानित किया जा रहा है, लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती। वक्ताओं ने सवाल उठाया – क्या इस देश में बोलने की आजादी सिर्फ देशद्रोहियों के लिए है? एक समाज विशेष के लिए माफी और सम्मान, जबकि दूसरे के लिए सिर्फ गिरफ्तारी और अपमान? ये दोहरा मापदंड अब नहीं चलेगा। बक्सर उत्थान मंच ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर शर्मिष्ठा पनोली को अविलंब रिहा नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन होगा। इस मार्च में मुकुंद सनातन, राघवेन्द्र मिश्रा, सिद्धार्थ पांडे, अमित दुबे, कमलेश पांडे, तुलसी चौधरी, बृजेश चौधरी, इंद्रजीत चौबे, रुद्र प्रताप पांडे, सतीश दुबे, तेज नारायण ओझा, हीरा चौधरी, विश्व हिन्दू परिषद के जिला उपाध्यक्ष संजय सिंह, जिला महामंत्री ईश्वर दयाल सिंह, संजय चौबे, बबलू पासवान, धर्मवीर, दुर्गेश उपाध्याय, अनिल शर्मा, रंजन तिवारी आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।