अंबेडकर चौक तक दिया गया जागरूकता का संदेश, मानवाधिकार सिर्फ किताबों की बात नहीं…. बक्सर खबर। विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर बुधवार को व्यवहार न्यायालय परिसर से न्यायिक पदाधिकारियों, न्यायिक कर्मचारियों और अधिवक्ताओं ने शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला। यह मार्च चीनी मिल रोड होते हुए स्टेशन रोड से अंबेडकर चौक तक पहुंचा और रास्ते भर मानवाधिकार जागरूकता का संदेश दिया गया। मार्च की अगुवाई हर्षित सिंह, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश–सह–अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की थीम बताती है कि मानवाधिकार सिर्फ किताबों की बात नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन से गहराई से जुड़े हैं। यह नफरत, गलत सूचना और झूठ के खिलाफ आवाज उठाने का भी संदेश देता है।
उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर 1948 को मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा अपनाई गई थी और 1950 में इसे आधिकारिक रूप से मानवाधिकार दिवस घोषित किया गया। इसका उद्देश्य भविष्य में अत्याचारों को रोकना और हर व्यक्ति की गरिमा की रक्षा करना है। मानवाधिकार दिवस को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मुक्त कारागार और केंद्रीय कारा में भी विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। मार्च और जागरूकता कार्यक्रम में मनोज कुमार द्वितीय, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय, मनीष कुमार शुक्ला, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, सुदेश कुमार श्रीवास्तव, संजीत कुमार सिंह, भोला सिंह, अपर न्यायिक दंडाधिकारी तथा व्यवहार न्यायालय के प्रभारी प्रशासन राजीव श्रीवास्तव, वरिष्ठ लिपिक, नाजिर, अन्य कर्मचारी, पैनल अधिवक्ता, विधि सेवक, जिला अधिवक्ता संघ के सदस्य सहित बड़ी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता और कर्मचारी मौजूद रहे।





























































































