एमडीएम में छिपकली या इसके पीछे कोई और खेल, कोई बच्चा बीमार नहीं

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-शहरी इलाके से सटे विद्यालयों में ही क्यों आती है ऐसी शिकायत
बक्सर खबर। सदर प्रखंड के हरिकिशुनपुर मध्य विद्यालय के मध्याह्न भोजन में शुक्रवार को छिपकली मिल गई। जिन्होंने खाना खाया और जिन्होंने नहीं खाया। सबको विद्यालय के शिक्षकों ने अस्पताल पहुंचा दिया। हालांकि उपचार के दौरान चिकित्सकों ने बताया फूड प्वाइजन के लक्षण नहीं मिले हैं। इस विद्यालय के लगभग 32 छात्र खाना खाने से बीमार हुए ऐसी सूचना मिली। इनमें से कुछ सदर अस्पताल लाए गए और कुछ को शिवरात्रि अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि कुछ घंटे बाद ही सभी छात्र घर लौट गए। सिविल सर्जन शिव कुमार प्रसाद से भी इस सिलसिले में बातचीत हुई। उन्होंने कहा कुछ छात्र शिकायत कर रहे थे। लेकिन, अधिकांश ठीक थे।

इस खबर को डिजीटल मीडिया में काफी प्रचारित किया गया। लेकिन, यहां एक बात सबसे महत्वपूर्ण है। पहले भी कुछ विद्यालयों से ऐसी शिकायत मिली है। इन सभी विद्यालयों में एक समानता है। जहां केन्द्रीय किचन से खाना पहुंचाया जाता है। वहीं इस तरह की शिकायत मिलती है। 11 सौ गांव वाले इस जिले में लगभग एक हजार विद्यालय हैं। जहां प्रतिदिन मध्याह्न भोजन बनता है। और ऐसी शिकायत सिर्फ उन्हीं विद्यालयों से आती है। जो शहर के आस-पास हैं। भोजन में गड़बड़ी की शिकायत के बाबत संबंधित एजेंसी जो इस विद्यालय को मध्याह्न भोजन की आपूर्ति करती है। उससे पूछा गया। उज्जवल सवेरा समिति के प्रबंधक मनोज कुमार ने बताया खाना आपूर्ति करते समय ही हम लोग उसको चेक कराते हैं। हमारी रसोई में एक साथ, कई हजार बच्चों के लिए खाना बनता है। अगर उसमें छिपकली रहती तो और भी विद्यालयों के बच्चे बीमार होते।

उनसे एक सवाल और पूछा गया। आखिर इसी विद्यालय से ऐसी शिकायत क्यूं मिली। मनोज ने बताया आज शुक्रवार का दिन है। छात्रों को फल भी दिया जाता है। विद्यालय के प्रधान शिक्षक सभी नामांकित छात्रों के लिए फल की मांग करते हैं। आज भी ऐसा ही हुआ। लेकिन, हमने यह कहा, आप जितने बच्चों की उपस्थिति देंगे। हम उन्हीं छात्रों का फल भी आपको प्रदान करेंगे। इसी वजह से वे नाराज थे। वैसे छात्रों के मध्याह्न भोजन को लेकर, मची हाय तौबा के मध्य संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक का पक्ष हम नहीं जान सके। आगे भी उनसे इस बारे में जानने का प्रयास करेंगे। सूचना यह भी है कि, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग दोनों तरफ से इस मामले में संज्ञान लिया गया है। विभागीय स्तर से इसकी जांच भी हो रही है। अगर यह शिकायत सत्य है तो बहुत की गंभीर विषय है। और  गलत है, तो यह पूरे सिस्टम को बदनाम करने वाली है।

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