बंदियों को मिले अधिकारों की जानकारी, मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शिविर का भी शुभारंभ बक्सर खबर। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस और बिहार मानवाधिकार आयोग के 17वें स्थापना दिवस पर बुधवार को केंद्रीय कारा में मानवाधिकारों को लेकर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम आयोग के माननीय अध्यक्ष के निर्देश पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नेहा दयाल, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) पंकज सिंह, चीफ एलएडीसीएस और उनके सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन से की गई। कार्यक्रम के दौरान बंदियों को सरल भाषा में उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई, जिनमें शामिल थे-
मुफ्त विधिक सहायता, त्वरित और निष्पक्ष विचारण, क्रूरता और अनावश्यक दंड से सुरक्षा, कस्टोडियल हिंसा से बचाव और आत्मसम्मान और मानव गरिमा की रक्षा। अधिकारियों ने बंदियों को बताया कि कानून उन्हें सुरक्षा देता है और अदालतें उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर हैं। जेल अधीक्षक ज्ञानिता गौरव ने बताया कि मानवाधिकार दिवस के इस विशेष अवसर पर बंदियों के कौशल विकास के लिए आरसेटी के सहयोग से 10 दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन भी किया गया है। यह प्रशिक्षण 10 से 20 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 30 बंदियों को मशरूम उत्पादन का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। जेल प्रशासन का मानना है कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम बंदियों के आत्मनिर्भर बनने और रिहा होने के बाद सम्मानजनक जीवन जीने में मददगार साबित होते हैं।





























































































