–मानदेय और बिजली बिल भुगतान में लापरवाही पर दी चेतावनी, अनुपस्थित अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण बक्सर खबर। शुक्रवार को समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में पंचायत विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान पंचायत स्तरीय कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा की गई, जिसमें कई अनियमितताएं और लापरवाहियां उजागर हुईं। बैठक में पाया गया कि जिले में 13 पंचायत सरकार भवन तय समय-सीमा के बाद भी निर्माणाधीन हैं। इस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए राजपुर-सह-बक्सर के प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा। जिला पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि 30 जून तक कम से कम 10 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण हर हाल में पूरा कराया जाए। निर्माण में देरी के लिए संवेदकों से राशि की कटौती ग्राम पंचायत के माध्यम से सुनिश्चित करने को भी कहा गया।
अब तक जिले के 18 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इन कार्यालयों की कार्यप्रणाली की मॉनिटरिंग करने और वहां कार्यरत कर्मियों के काम का प्रतिवेदन प्राप्त करने का निर्देश भी जिला पंचायत राज पदाधिकारी को दिया गया। 15वीं और 6वीं वित्त आयोग की प्राप्त और खर्च राशि की समीक्षा में स्थिति काफी असंतोषजनक पाई गई। डीएम ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को हर 15 दिन पर खर्च की गई राशि का ब्योरा देने का निर्देश दिया, ताकि योजनाओं की निगरानी बेहतर तरीके से की जा सके। बैठक में यह भी सामने आया कि पंचायत तकनीकी सहायकों की नियुक्ति के बावजूद उन्होंने अब तक योगदान नहीं दिया है। इस पर डीएम ने उनसे कारण पूछते हुए उनका वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया।
नल-जल योजना के अनुरक्षकों के मानदेय और विद्युत बिल भुगतान में गंभीर लापरवाही पाई गई। डीएम ने सभी प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि यह भुगतान समय से हो, अन्यथा जलापूर्ति बाधित होने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक के दौरान प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, चौगाई अनुपस्थित पाए गए। इस पर डीएम ने उनसे भी कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया।