ताड़का वध और ऊखल बंधन लीला का हुआ मंचन

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——-किला मैदान में पांचवे दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़                                                                       बक्सर खबर। रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे 22 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के पांचवे दिन गुरुवार को रामलीला व कृष्णलीला के दिव्य प्रसंगों का मंचन हुआ। दिन में वृंदावन से पधारे कलाकारों ने ऊखल बंधन लीला का अद्भुत चित्रण किया, तो रात्रि में मंचित रामलीला में विश्वामित्र आगमन व ताड़का वध का दृश्य देखकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। रामलीला मंचन में दिखाया गया कि महर्षि विश्वामित्र यज्ञ रक्षा हेतु अयोध्या के राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को मांगते हैं। गुरु वशिष्ठ की समझाइश के बाद दशरथ पुत्रों को अनुमति देते हैं। मार्ग में ताड़का राक्षसी से सामना होने पर श्रीराम उसे बाणों से वध कर मुक्ति दिलाते हैं। इसके बाद मारीच और सुबाहु द्वारा यज्ञ भंग की कोशिश का भी मंचन हुआ। श्रीराम ने मारीच को सौ योजन समुद्र पार भेजा और सुबाहु का वध कर यज्ञ की रक्षा की।

इसी क्रम में जनकपुर से धनुष यज्ञ का निमंत्रण मिलने का दृश्य भी प्रस्तुत किया गया। दिन के समय मंचित कृष्णलीला में ‘ऊखल बंधन’ प्रसंग ने भक्तों को भावविभोर कर दिया। लीला में दिखाया गया कि नारद के श्राप से यमलार्जुन बने कुबेर पुत्र नल और मणिग्रीव का उद्धार बालकृष्ण ने किया। माता यशोदा द्वारा दही माखन की चोरी पर कृष्ण को ऊखल से बांधने का दृश्य मंचित हुआ। ओखली घसीटते हुए कृष्ण ने दोनों वृक्ष उखाड़कर नारद के श्राप से मुक्त किया। शानदार मंचन देखने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंचे। देर रात तक किला मैदान श्रद्धालुओं से भरा रहा। समिति के सचिव बैकुण्ठ नाथ शर्मा, संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता सहित कई पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।

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