रघुनाथपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल बक्सर खबर। अमृत भारत परियोजना के तहत बने रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन की सूरत-ए-हाल कुछ ही महीनों में बिगड़ गई है। हल्की बारिश ने ही स्टेशन की पोल खोल दी है। प्लेटफॉर्म पर जगह-जगह जलजमाव, दरारें और गंदगी यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं। प्लेटफॉर्म नंबर दो और तीन की ढलाई अभी छः महीने पहले ही हुई थी, लेकिन अब उन पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं। इन दरारों से दो-दो फीट लंबे घास-फूस निकल आए हैं। इससे न केवल प्लेटफॉर्म की सुंदरता बिगड़ रही है, बल्कि दुर्घटना का भी खतरा बढ़ गया है। प्लेटफॉर्म पर बने शौचालयों की दीवारें झर रही हैं। अंदर गंदगी का अम्बार लगा है। यात्रियों को मजबूरी में असुविधा झेलनी पड़ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मात्र दो सफाईकर्मी पूरे स्टेशन की देखरेख कर रहे हैं, जो नाकाफी है।
सोमवार सुबह प्लेटफॉर्म नंबर दो पर एक महिला यात्री पानी भरे गड्ढे में फिसलकर गिर गई। गनीमत रही कि उस वक्त कोई ट्रेन नहीं आ रही थी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना के बाद यात्रियों और समाजसेवियों ने स्टेशन प्रबंधन और दानापुर मंडल को शिकायत दर्ज कराई। अमृत भारत परियोजना के तहत रघुनाथपुर स्टेशन के विकास पर 20.5 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। काम शुरू भी हो चुका है, लेकिन खराब मटेरियल इस्तेमाल करने की शिकायत पर फिलहाल निर्माण कार्य रोक दिया गया है। रेल यात्री कल्याण समिति और सामाजिक संगठनों से जुड़े शैलेश कुमार ओझा, शंभू चंद्रवंशी, अजय उपाध्याय, विशाल सिंह, आनंद शर्मा, मनोज चौधरी, उमेश कुमार, मोहम्मद जावेद, मंटू समेत कई लोगों ने कहा कि “यात्री सुरक्षा सर्वोपरि है।” अगर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो जनता सड़कों पर उतरेगी और बड़ा आंदोलन होगा।