जवान त्यागी यादव ने भारत माता की सेवा के लिए पत्नी और परिवार का त्याग किया बक्सर खबर। शादी की मिठाई भी पूरी तरह बांटी नहीं गई थी, सुहागरात की चूड़ियां भी खनकनी बाकी थीं और त्यागी यादव को सरहद से बुलावा आ गया। फौजी दिल, जिम्मेदारी का जज्बा और देशभक्ति की भावना जब मिलती है तो कुछ इसी तरह की मिसालें बनती हैं। डुमरांव के पास स्थित नंदन गांव के रहने वाले 25 साल के जवान त्यागी यादव ने अपनी नई-नवेली दुल्हन को विदा कर के सरहद का रुख कर लिया। 7 मई को शादी हुई और 8 मई को बारात लौटते ही उन्हें खबर मिली “सीमा पर हालात बिगड़ रहे हैं, सभी जवानों की छुट्टियां रद्द।” बस फिर क्या था, बिना कोई देर किए, त्यागी ने वर्दी निकाली, बैग पैक किया और चल पड़े देश सेवा की डगर पर।
नई नवेली दुल्हन प्रिया कुमारी ने विदा होते वक्त नम आंखों से कहा, “मुझे मेरे पति पर गर्व है। देश सबसे पहले है, और मैं जानती हूं कि वो जहां हैं, वहीं होना जरूरी है।” त्यागी की मां धनमानो देवी भी बेटे के इस फैसले पर भावुक हुईं, पर मजबूती से बोलीं, “हमारा परिवार सेना से जुड़ा है, देश सेवा ही हमारा सबसे बड़ा धर्म है।” दरअसल, त्यागी का परिवार देशभक्ति की मिसाल है। उनके चचेरे भाई ओमप्रकाश यादव और मामा मंडल यादव भी फौज में हैं। गांव के लोग त्यागी के इस जज्बे से गदगद हैं। हर कोई कह रहा है, “ऐसे ही बेटे देश की असली ताकत हैं।” सरहद की ओर रवाना होते समय त्यागी बोले, “मेरे लिए देश सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। शादी का सपना पूरा हुआ, अब मेरा कर्तव्य बुला रहा है।”