अब स्थाई लोक अदालत करेगी चालान का निपटारा

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–छोटी गलतियों पर माफी, जुर्माने में कटौती की भी सुविधा                                                                   बक्सर खबर। अब जिले के लोगों को यातायात चालान के निपटारे के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिले में स्थाई लोक अदालत का गठन कर दिया गया है। इसके अध्यक्ष सेवा-निवृत्त जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रवीण कुमार सिंह श्रीनेत, सदस्य सुनील कुमार सिन्हा और माधव कुमार राय बनाए गए हैं। स्थाई लोक अदालत, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22-बी के तहत बनी एक स्थायी संस्था है। इसका उद्देश्य है-जनोपयोगी सेवाओं जैसे परिवहन, बिजली, पानी, डाक, टेलीफोन, अस्पताल आदि से जुड़े विवादों का समाधान बिना मुकदमेबाजी किए सुलह-समझौते से करना। अगर सुलह नहीं होती है तो पैनल में बैठे न्यायाधीश मामले की सुनवाई कर निर्णय भी सुना सकते हैं।

कौन से चालान यहां निपटाए जाएंगे- बिना हेलमेट चलाना, बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाना, ओवरस्पीडिंग, गलत पार्किंग, वैध सर्टिफिकेट न होना, रेड लाइट जंप करना, लिपिकीय त्रुटियां। जरूरी दस्तावेज साथ लाएं न्यायाधीशों के पैनल के सामने अपनी बात रखें। अदालत यह तय करेगी कि चालान माफ होगा या जुर्माना कम किया जाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अवर न्यायाधीश-सह-सचिव नेहा दयाल ने बताया कि 13 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत में भी बड़ी संख्या में चालान मामलों का निपटारा सुलह-समझौते के आधार पर किया गया। उन्होंने आम जनता से अपील की कि अगर उनका कोई चालान कटा है तो एक बार जरूर स्थाई लोक अदालत आकर अपनी बात रखें।

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