बक्सर खबर। शाम का समय हो चला था। मैं बाजार की तरफ कुछ घरेलू सामान लेने पहुंचा। तभी एक जगह नुक्कड़ पर कुछ शब्द सुनाई पड़े। उन वाक्यों ने मेरे कदम रोक दिए। भीड़ में कोई कह रहा था। देखिए एगो विधायक है जौन मिला सड़क के गट्टी चुरा रहा है। एगो है कि जबरन बोड लगा रहा है। अइसन-अइसन चर्चा बाजार में सुना रहा है। यह भाषा में किसी परिचित की जान पड़ी। मैं वहां पहुंचा तो देखा बतकुच्चन गुरू अपने अंदाज में बरस रहे थे। नेताओं की कुंडली खंगाल रहे थे। उनकी बातें सुन यह एहसास हो गया। चुनावी बयार अब बाजार में सरगर्मी बढ़ा रही है। यह सोचते हुए मैंने अपना ध्यान बतकुच्चन गुरु की बातों पर केंद्रित किया।
वे कह रहे थे, इ जौन जनपद है एकर भला होवे वाला न है। यहां काबिल आदमी के लोग पीछे ढ़केलता है। ए ही बदे नेता सब आपन उल्लू सीधा करे में सफल रहता है। बतकुच्चन गुरू अपनी रौ में बहे जा रहे थे। लेकिन, मुझे उनका वही वाक्य कचोट रहा था। यहां एक मिल्ला गिट्टी चोरा रहा है और दूसरा बोड लगा रहा है। यह दोनों लोग हैं कौन, जिसकी तरफ वे इशारा कर रहे थे। मैं यह सोच ही रहा था कि वे आगे निकल लिए। मैं उन्हें देखकर यह सोच रहा था। कहां से पता चलती हैं, बतकुच्चन गुरु को यह बातें। और उनका कहा अगर सच है। तो वे नेता हैं कौन जो जिले में ऐसा कर रहे हैं। माउथ मीडिया : यह साप्ताहिक व्यंग्य कॉलम है। जो प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित होता है।)