‌‌‌माउथ मीडिया : का हो समोसा, गोली सरकार के विकास तोहार

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बक्सर खबर (माउथ मीडिया)। लंबे अंतराल के बाद बीते दिन बतकुच्चन गुरू का फोन आया। कहने लगे का हो, तोहरा शहर में केन्द्रीय विद्यालय के जमिनिया मिल गवा है। सुने में आ रहा है, बड़-बड़ मनई ताल ठोक रहे हैं। हमही करा दिए हैं, इस कहे बदे कई मिला सोशल मीडिया पर पचरा गा रहे हैं। उनके बाते सुन मैं हंसने लगा। उन्हें टोकते हुए मैंने कहा राम-राम गुरू। बड़े दिनों बाद याद किए। कहां खो गए थे। मेरे इतना कहते ही वे एकदम से उखड़ गए। हम खो रहे, तोहरा फुरसत हौ, हमरे बदे। अरे हमरा जब इ पता चला रहा। तोहरे शहर में विकास के गंगा बहे लगी है।

बांध पर गाडी दौड़े लगी है। सड़क सब चौड़ी होवे लगी है। इ सब एक समोसा के वजह से हुआ रहा। तो हमारा मन में खुदबुदी ले लिया। सुने एगो तोहरे जइसन डिजीटल मीडिया वाला लिखा रहा। समोसा के कारण विकास योजना की बहार। हम इहे पूछे बदे तोहे फोन किए रहे। उ कौन मनई है, जौन इ दावा कर रहा है। हम सुने रहे, तोहरे जनपद में बहुते धांय-धांय हो रहा है। नेतवन सब कह रहा है, सल्तन का निजाम बउरा गया है। ओकरा सिस्टम सब फेल हो गवा रहा। हम तो से पूछे चाहत हैं। जब सरकार अच्छा काम करे तो ओरका लपके ला समोसा तैयार बइठे हैं।

जब गड़बड़ होवे तो उ सरकार करे है। हम तोही से पूछत हैं। कौन मनई तोहरे इहां पैदा हो गवा। जौन मिला एक साल के नहीं हुआ और एतना झूठ बके है। खुद के समोसा और दूसरे के चटनी समझे है। हम तोहू के कहते हैं, लिखो जरा झार-फूंक के। न कि आंख मुंद के, का समझे, अल्ला हाफिज। यह कहते हुए उन्होंने फोन काट दिया। मैं बड़ी उलझन में हूं, आखिर हमने ऐसा क्या लिखा, जिसको लेकर वे नाराज हैं। और उनका ईशारा किस तरफ है। (माउथ मीडिया एक व्यंग कॉलम है। जो प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित होता है।)

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