जदयू जिला उपाध्यक्ष गौ तस्करी करते गिरफ्तार

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जिलाध्यक्ष बोले मामला संदिग्ध, पार्टी को बदनाम करने की साजिश                                                             बक्सर खबर। गौ तस्करी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए रोहतास पुलिस ने जदयू के जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद मुस्तफा और बिहार कुश्ती संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अरुण यादव उर्फ अरुण पहलवान समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनके पास से पुलिस ने 37 मवेशियों से भरा ट्रक और एक बोलेरो वाहन भी जब्त किया है। करगहर थानाध्यक्ष कमलनयन पांडेय की अगुवाई में सोमवार शाम पुलिस टीम बाजार क्षेत्र में वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक ट्रक और बोलेरो को रोका गया। जांच में ट्रक से 37 मवेशी मिले, जबकि बोलेरो से पांच लोगों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों वाहन एक ही गिरोह से जुड़े हैं और मवेशियों को चौसा पशु मेले से खरीदकर पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ट्रक में भरे मवेशियों की सुरक्षा और रास्ते की रेकी करने के लिए बोलेरो को आगे-पीछे चलाया जा रहा था। यह गिरोह लंबे समय से पूर्वांचल में सक्रिय है और इसके कई सदस्यों पर पहले से भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने जिन सात लोगों को पकड़ा है उनमें शामिल हैं – मोहम्मद मुस्तफा जदयू बक्सर जिला उपाध्यक्ष, चौसा की पूर्व मुखिया का पुत्र। अरुण यादव उर्फ अरुण पहलवान कार्यकारी अध्यक्ष, बिहार कुश्ती संघ, निवासी नरबतपुर चौसा। विजय कुमार चौधरी निवासी नरबतपुर। अरशद अहमद और मिन्हास निवासी मुरादाबाद, रोहतास। साथ ही गिरोह से जुड़े दो अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों में से एक ने फर्जी कागजात के आधार पर बिहार पुलिस में नौकरी कर ली थी और उसके खिलाफ चौसा थाने में रंगदारी का केस दर्ज है।

फोटो – अवैध रूप से तस्करी करने के लिए ट्रक पर लादे गए पशु

सासाराम एसडीपीओ कुमार वैभव ने बताया कि पूरा नेटवर्क चौसा पशु मेले से जुड़ा हुआ है। वहीं, सभी सातों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है। इस पूरे मामले पर जदयू जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद मुस्तफा को साजिश के तहत फंसाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि चौसा में पशु मेला एक खास जाति विशेष के लोगों द्वारा अवैध रूप से संचालित किया जाता है और आपसी वर्चस्व की लड़ाई में पार्टी नेताओं को बदनाम किया जा रहा है। उनका कहना है कि मुस्तफा अगले दिन पैरवी करने थाना गए थे और लौटते समय माफियाओं के दबाव में चौसा पेट्रोल पंप के पास से गिरफ्तार कर लिए गए। जिलाध्यक्ष ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

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