पूर्व आईपीएस आनंद मिश्र के भाई रवि मिश्र पर एफआईआर दर्ज 

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पैसे के विवाद में घर में घुसकर की तोड़फोड़, पत्नी-बच्चों को दी धमकी, मानवाधिकार संगठन के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी                                     बक्सर खबर। शहर के सिविल लाइन स्थित बड़ी बाजार मस्जिद के पीछे रहने वाले मानवेंद्र कुमार ने पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा के चचेरे भाई रवि मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाते हुए नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। पीड़ित मानवेंद्र ने बताया कि वे प्रोफेशनल एंड मॉडल सिक्योरिटी कंपनी में बीते छह महीनों से सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे। लगातार 12 घंटे ड्यूटी और एक भी छुट्टी न मिलने के कारण उन्होंने 15 दिन पहले ही कंपनी को नौकरी छोड़ने की सूचना दे दी थी।

मानवेंद्र का कहना है कि कंपनी ने उन्हें 10 और 11 जुलाई को दो किश्तों में बकाया वेतन का भुगतान किया। लेकिन पैसा देने के बाद रवि मिश्रा ने फोन कर उल्टा उन्हें धमकाना शुरू कर दिया कि उन्होंने ज्यादा पैसा ले लिया है, वापस करो। पीड़ित के मुताबिक, 12 जुलाई की सुबह जब वे घर पर नहीं थे, तभी रवि मिश्रा ने उनके घर पहुंचकर उनकी पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट की, अभद्र व्यवहार किया और घर का दरवाजा तक तोड़ डाला। इसके बाद भी उन्हें फोन पर धमकी दी जाती रही। मानवेंद्र ने 12 जुलाई की शाम नगर थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करने की गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस ने टालमटोल किया।

तब उन्होंने ह्यूमन राइट्स ऑफ इंडिया काउंसिल के बिहार प्रदेश अध्यक्ष रितेश सिंह से संपर्क किया। रितेश सिंह ने पटना से बक्सर पहुंचकर 20 जुलाई को नगर थाने में दबाव बनाया, जिसके बाद पुलिस ने रवि मिश्रा पर प्राथमिकी दर्ज की। मानवेंद्र ने बताया कि वे पहले दानापुर के आशियाना ग्रीन सिटी में सीनियर सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे। उनके अनुसार, सामान्यतः अन्य सिक्योरिटी कंपनियों में 8 घंटे की ड्यूटी और हफ्ते में एक छुट्टी मिलती है, जबकि यहां 12 घंटे की ड्यूटी और महीने भर बिना छुट्टी के काम कराया जाता था, वो भी 13,000 के वेतन पर। वही बक्सर खबर के पत्रकार ने रवि मिश्र से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

खबर प्रकाशित होने के कुछ घंटे बाद रवि मिश्र का फोन आया। उन्होंने बातचीत में कहा। मानवेन्द्र झूठ बोल रहा है। उसने अपना मेहनताना प्राप्त किया है। कुछ एडवांस भी लेकर गया था। लेकिन, एक दिन अचानक पोस्ट छोड़ गायब हो गया। मैं उसी की शिकायत लेकर यहां गया था। लेकिन, उसने दरवाजा ही नहीं खोला। फिर मारपीट व बाकी बातें पूरी तरह झूठ हैं। मानवाधिकार संगठन के रितेश सिंह के बारे में उन्होंने कहा कि, वह हमें फोन कर ब्लैकमेल कर रहा था। रुपये की मांग कर रहा था। मैंने स्पष्ट कहा, मेरे व मानवेंद्र के मध्य का मामला है। इसमें आपकी जरुरत नहीं है। लेकिन, उसने कुछ सोची समझी साजिश के तहत बदनाम करने के लिए ऐसा किया है। मेरे पास सबका प्रमाण उपलब्ध है। उन्होंने यह भी कहा यह सिक्योरिटी एजेंसी हमारी है, इसमें आनंद जी का कोई संबंध नहीं है। उनकी तस्वीर खबर में नहीं दी जाए।

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