भाजपा ने सेमिनार आयोजित कर याद किए लोकतंत्र के अंधे दिन बक्सर खबर। आपातकाल की घोषणा के 50 साल पूरे होने के मौके पर भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई ने बुधवार को अंबेडकर चौक स्थित एक मैरिज हॉल में सेमिनार का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश भुवन ने की जबकि मंच संचालन महामंत्री धनंजय त्रिगुण ने किया। मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री सह जिला प्रभारी नितिन नवीन एवं आपातकाल के योद्धा व पूर्व विधान पार्षद हरेंद्र प्रताप पांडेय उपस्थित रहे। दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसमें नितिन नवीन, हरेंद्र प्रताप, ओम प्रकाश भुवन, संतोष रंजन राय, पूनम रविदास, अनिल श्रीवास्तव, प्रदीप दुबे और अवधेश कुमार पांडे शामिल थे।
जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश भुवन ने कहा कि 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को कुचलते हुए देश पर आपातकाल थोपा। संविधान के मूल अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था। यह दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले पन्नों में दर्ज है जिसे आने वाली पीढ़ियां कांग्रेस की तानाशाही के रूप में याद रखेंगी। मुख्य वक्ता के रूप में मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास तानाशाही, परिवारवाद और भ्रष्टाचार से भरा पड़ा है। इमरजेंसी के नाम पर प्रेस की आजादी छीन ली गई, विरोध की आवाजें जेलों में बंद कर दी गईं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि उसी इमरजेंसी की कोख से निकली राजद आज कांग्रेस की गोद में बैठी है।

वहीं, आपातकाल के सेनानी हरेंद्र प्रताप पांडेय ने बक्सर और आरा की यादों को साझा करते हुए कहा कि यह सिर्फ सत्ता बचाने की चाल थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध करार दिया था, उसी बौखलाहट में लोकतंत्र को कैद कर लिया गया। उन्होंने कहा कि आज भी कांग्रेस जीवित है, इसके लिए हम सभी की निष्क्रियता जिम्मेदार है।कार्यक्रम में आपातकाल के सेनानियों को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। समापन अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन का कार्य शिला त्रिवेदी ने किया। इस अवसर पर भाजपा नेत्री वर्षा पाण्डेय, शिवजी खेमका अविनाश पाण्डेय, रुपेश दूबे,मदन दूबे, सुमन श्रीवास्तव, राजेश सिन्हा, पिंटू चौबे, प्रमोद बाबा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।