दुर्लभ विकृति का जन्मा बच्चा, डॉक्टर भी हैरान

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साइक्लोपिया नामक घातक विकार से प्रभावित, उच्च स्तरीय चिकित्सा केंद्र रेफर                                       बक्सर खबर। सिमरी प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार को जन्मे एक नवजात ने प्रसव कक्ष से लेकर पूरे अस्पताल स्टाफ को स्तब्ध कर दिया। जन्म के तुरंत बाद बच्चे में पाई गई गंभीर शारीरिक असामान्यता ने डॉक्टरों को भी चिंता में डाल दिया। चिकित्सकों के मुताबिक यह मामला साइक्लोपिया नामक अत्यंत दुर्लभ विकृति से जुड़ा है, जो लाखों प्रसवों में कभी-कभी ही देखने को मिलती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजपुर पंचायत के त्वकलराय डेरा निवासी रवि यादव की पत्नी रिंकू देवी ने इस शिशु को जन्म दिया। प्रसव के तुरंत बाद नर्सिंग स्टाफ ने देखा कि नवजात के चेहरे का विकास सामान्य बच्चों जैसा नहीं हुआ है। शिशु की आंखें एक ही जगह मिलती-जुलती दिख रही थीं, जबकि नाक का उभार माथे के ऊपरी हिस्से में पाया गया। यह दृश्य देखकर पूरे स्टाफ ने इसे गंभीर जन्मजात विकृति का संकेत माना।

चिकित्सकों ने बताया कि यह विकृति गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में भ्रूण के मस्तिष्क और चेहरे के विकास में रुकावट के कारण होती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर प्रेम चंद्र प्रसाद ने बताया कि नवजात की हालत को देखते हुए उसे तत्काल बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निशा ओझा ने पुष्टि की कि नवजात ‘साइक्लोपिया’ नामक घातक विकार से प्रभावित है। उन्होंने बताया कि यह होलेप्रोसेंसेफली का सबसे गंभीर रूप है, जिसमें भ्रूण का अग्र-मस्तिष्क दो हिस्सों में विभाजित नहीं हो पाता। आनुवंशिक कारण, संक्रमण, विषैले तत्व या प्लेसेंटा की समस्या इसके पीछे संभावित वजहें हो सकती हैं। अस्पताल प्रशासन ने मामले को अत्यंत संवेदनशील बताते हुए शिशु को उच्च स्तरीय चिकित्सा केंद्र रेफर कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी इसकी औपचारिक रिपोर्टिंग शुरू कर दी है। इस दुर्लभ जन्म ने पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है।

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