बक्सर वाले चौबे जी ने पीएम मोदी को लिखा भावनात्मक पत्र, रखीं 10 मांगें

0
1381

विश्वामित्र सेना के संयोजक ने कहा “बक्सर को मिले उसका आध्यात्मिक सम्मान”                                 बक्सर खबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 29-30 मई को प्रस्तावित बिहार दौरे से पहले बक्सर से एक भावनात्मक और सांस्कृतिक चेतना से ओतप्रोत पत्र भेजा गया है। यह पत्र किसी आम नागरिक का नहीं, बल्कि विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे उर्फ बक्सर वाले चौबे जी का है, जिन्होंने प्रधानमंत्री से बक्सर की आध्यात्मिक पहचान को राष्ट्रीय दर्जा देने की गुहार लगाई है। चौबे जी ने पत्र में बक्सर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को रेखांकित करते हुए लिखा है कि यही वह भूमि है जहां भगवान श्रीराम ने विश्वामित्र मुनि से धर्म और युद्ध की शिक्षा ली, जहां ताड़का, सुबाहु और मारीच का वध कर धर्म की रक्षा हुई, और जहां अहिल्या का उद्धार हुआ।

उन्होंने कहा कि बक्सर की पहचान सिर्फ एक जिला मुख्यालय नहीं, बल्कि वैदिक काल की ‘जान भूमि’ है, जिसे “बिहार की आध्यात्मिक राजधानी” के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित इस पत्र में कुल 10 मांगें रखी गई हैं, जिनमें शामिल हैं: 1. बक्सर को “बिहार की आध्यात्मिक राजधानी” घोषित किया जाए। 2. विश्वामित्र मुनि के नाम पर भव्य चौराहा व प्रतिमा की स्थापना। 3. च्यवन ऋषि की तपस्थली पर “ध्यान आयुर्वेद स्मारक” का निर्माण।4. राम-ताड़का युद्धस्थल को “धर्म युद्ध टूरिज्म सर्किट” में शामिल किया जाए। 5. राष्ट्रीय सनातन अध्ययन केंद्र की स्थापना। 6. पंचकोशी क्षेत्र को धार्मिक परिक्रमा पथ घोषित किया जाए। 7. विश्वामित्र कॉरिडोर का निर्माण। 8. धर्म रथ यात्रा मार्ग विकसित हो। 9. पंचकोशी तीर्थ विकास प्राधिकरण की स्थापना। 10. पंचकोशी धर्म महोत्सव की वार्षिक परंपरा शुरू की जाए।

विश्वामित्र सेना के सदस्यों के साथ राजकुमार चौबे

पत्र में चौबे जी ने प्रधानमंत्री की कूटनीतिक और सैन्य रणनीतियों की सराहना करते हुए लिखा कि – “अब भारत शांति की प्रतीक्षा नहीं करता, बल्कि शांति की सुरक्षा के लिए शस्त्र उठाना जानता है।” विश्वामित्र सेना ने मोदी जी के निर्णयों को भारत के लिए प्रेरणादायक बताया है। उन्होंने गया शहर को ‘गया जी’ नाम देने के निर्णय पर प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे यह स्पष्ट हो गया है कि सनातन परंपरा अब राज्य नीति का हिस्सा बन रही है। पत्र के अंत में चौबे जी ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह बिहार दौरा सिर्फ राजनीतिक नहीं, धार्मिक पुनर्जागरण का अवसर है। बक्सर की भूमि केंद्र सरकार से आशीर्वाद की अपेक्षा रखती है और मांग करती है कि उसे उसकी वैदिक गरिमा के अनुरूप राष्ट्रीय पहचान

मिले।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here