-बक्सर के विवेक कुमार ने दुनिया में लहराया बिहार का परचम बक्सर खबर। जिले के इटाढ़ी प्रखंड के कुकुढ़ा गांव के साधारण परिवार से निकलकर एक असाधारण काम कर दिखाया है विवेक कुमार ने। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उषा देवी और किसान देवेन्द्र चौधरी के बेटे विवेक आज अमेरिका के जॉर्जिया टेक विश्वविद्यालय में ऐसे रॉकेट इंजन पर काम कर रहे हैं जो भविष्य में अंतरिक्ष मिशनों की लागत को काफी कम कर सकता है। गांव के सरकारी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद विवेक ने अपनी प्रतिभा के बल पर आईआईटी में प्रवेश पाया। यहीं से उनकी जिंदगी ने नया मोड़ लिया। पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्हें जर्मनी की मशहूर कंपनी बॉश जीएमबीएच में नौकरी मिली। सालाना पैकेज करीब एक करोड़ रुपये का था। लेकिन विवेक ने सिर्फ नौकरी तक खुद को सीमित नहीं रखा।
विज्ञान के प्रति जुनून ने उन्हें शोध की ओर खींचा। वे कनाडा पहुंचे, जहां उन्होंने ऐसे हल्के और कुशल रॉकेट इंजन पर रिसर्च की जो अंतरिक्ष मिशनों को सस्ता और प्रभावी बना सकता है। उनके इस कार्य से प्रभावित होकर कनाडा सरकार ने उन्हें 1.5 करोड़ रुपये का अनुदान दिया। आज विवेक अमेरिका के जॉर्जिया टेक विश्वविद्यालय में पीएचडी कर रहे हैं और अमेरिकी सरकारी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। उनकी टीम को अब तक लगभग 30 करोड़ रुपये की रिसर्च ग्रांट मिल चुकी है। विवेक अब तक 24 देशों की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन जहां भी जाते हैं, बिहार की मिट्टी की खुशबू उनके साथ रहती है। वे कहते हैं अगर जिद हो, तो गांव से भी सितारे छूए जा सकते हैं।विवेक की कहानी हर उस नौजवान के लिए प्रेरणा है जो सपने देखता है और मेहनत से उन्हें साकार करने की हिम्मत रखता है।

































































































