नए साल पर संग्रहालय में दर्शकों को मिलेगा इतिहास से जुड़ने का अवसर, चौसा गढ़ की दुर्लभ मूर्तियों की दिखेगी झलक बक्सर खबर। अपनी प्राचीन संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को समझने के लिए धरोहरों को सहेजना बेहद जरूरी है। इसी सोच के साथ नए वर्ष के अवसर पर शहर के सीताराम उपाध्याय संग्रहालय में बिहार की विरासत पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। लघु फिल्म का उद्घाटन करते हुए पूर्व सांसद नागेन्द्र नाथ ओझा ने कहा कि प्राचीन मूर्तियां, हेरिटेज भवन, किले, गढ़ और पुरातात्विक स्थल हमारी सांस्कृतिक पहचान हैं। इन्हें संरक्षित कर ही हम आने वाली पीढ़ियों को अपने अतीत से परिचित करा सकते हैं। पूर्व सांसद ने रिमोट के माध्यम से बिहार के विभिन्न संग्रहालयों और चौसा गढ़ से प्राप्त दुर्लभ मृण्मूर्तियों पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि संग्रहालय में आने वाले बच्चे और आम दर्शक इस फिल्म के जरिए इतिहास और संस्कृति की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। इस पहल के लिए उन्होंने संग्रहालय प्रभारी डॉ. शिव कुमार मिश्र के प्रयासों की सराहना की।
संग्रहालय प्रभारी डॉ. शिव कुमार मिश्र ने बताया कि नए वर्ष में आगंतुकों और स्कूली बच्चों में अपनी विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस लघु फिल्म का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि फिल्म में बिहार के संग्रहालयों की जानकारी के साथ-साथ चौसा गढ़ से प्राप्त महाभारत और रामायण से जुड़ी दुर्लभ मृण्मूर्तियों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। लघु फिल्म के निर्माण में सहयोग देने वाले फिल्म निर्माता और पत्रकार राम मुरारी तथा विकास कुमार के योगदान की सराहना करते हुए डॉ. मिश्र ने सभी सहयोगियों के प्रति आभार जताया। इस मौके पर कैथी लिपि विशेषज्ञा कल्पना कुमारी, अनिकेत कुमार, मोहम्मद आशिक, रामरूप ठाकुर, अभिषेक चौबे, अभिनंदन कुमार, आरके तिवारी, भोला पासवान, जीतेंद्र आजाद, बिलट पासवान, श्याम कुमार, मोहम्मद हुसैन, अभिषेक कुमार, झूना, राजकुमार, ओम प्रकाश और मुन्नी देवी सहित कई लोग उपस्थित





























































































