राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक, यातायात, आपराधिक, विद्युत सहित अन्य मामलों का निपटारा बक्सर खबर। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को इस वर्ष की चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य व सफल आयोजन किया गया। व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित इस लोक अदालत में कुल 13 बेंचों के माध्यम से 1673 मामलों का सुलह-समझौते के आधार पर निपटारा किया गया। इस दौरान 04 करोड़ 02 लाख 37 हजार 406 रुपये की समझौता राशि तय की गई। लोक अदालत का उद्घाटन हर्षित सिंह, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उनके साथ कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार, अपर समाहर्ता, अवर पुलिस अधीक्षक, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार नेहा दयाल, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह श्रीनेत सहित अन्य गणमान्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत त्वरित, सुलभ और कम खर्च में न्याय पाने का सबसे प्रभावी माध्यम है। इसमें न कोई हारता है, न कोई जीतता है, दोनों पक्षों की जीत होती है। वहीं, सचिव नेहा दयाल ने कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है, जहां आपसी सहमति से एक ही दिन में मुकदमों का समाधान संभव है। लोक अदालत में बैंक के 575 मामलों में 2.57 करोड़ रुपये, यातायात के 647, आपराधिक 134, विद्युत 240, एनआई एक्ट के 2, डीटीओ के 6 मामलों सहित अन्य वादों का निपटारा हुआ। बैंक रिकवरी के 68 मामलों में अलग से 60.58 लाख रुपये की सुलह राशि तय हुई। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से निःशुल्क नेत्र जांच शिविर भी लगाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में वादकारी व आम लोग लाभान्वित हुए। कुल मिलाकर राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक बार फिर सुलभ न्याय की मजबूत मिसाल पेश की।





























































































