रावण-मेघनाथ के पुतलों का दहन, आतिशबाजी से रोशन हुआ किला मैदान बक्सर खबर। विजयादशमी महोत्सव के उन्नीसवें दिन गुरुवार को ऐतिहासिक किला मैदान में रावण और मेघनाथ के पुतलों का दहन हुआ। श्रीराम के बाण लगते ही रावण का 45 फीट ऊंचा पुतला आतिशबाजी के बीच धू-धू कर जल उठा। इससे पहले लक्ष्मण ने मेघनाथ के 40 फीट ऊंचे पुतले का वध कर दहन किया। दृश्य इतना भव्य था कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए और जय श्रीराम के नारे लगाए।रामलीला समिति की ओर से आयोजित इस आयोजन में लाखों लोगों ने भाग लिया। किला मैदान खचाखच भरा था, यहां तक कि तील रखने की भी जगह नहीं थी। पुतला दहन से पहले जमकर आतिशबाजी हुई, जिससे पूरा वातावरण उत्सवमय हो उठा।
दोपहर दो बजे वृंदावन से आए राधा माधव रासलीला एवं रामलीला मंडल के स्वामी सुरेश उपाध्याय ‘व्यास’ के निर्देशन में “रावण वध” प्रसंग का मंचन हुआ। इसमें दिखाया गया कि कुंभकर्ण के वध के बाद रावण ने अपने पुत्र मेघनाथ को युद्धभूमि में भेजा। लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच जोरदार युद्ध हुआ और अंततः लक्ष्मण ने बाण से उसका वध किया। पत्नी सुलोचना ने पति का सिर गोद में लेकर सती हो जाने का दृश्य दर्शकों को भावुक कर गया। इसके बाद रावण स्वयं युद्धभूमि में उतरा और विभीषण के मार्गदर्शन पर श्रीराम ने उसकी नाभि में बाण मारकर अंत कर दिया।

पूरा कार्यक्रम जिला प्रशासन और पुलिस की सख्त चौकसी के बीच संपन्न हुआ। मैदान को सीसीटीवी से लैस किया गया था। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ विद्यानंद सिंह, एसपी शुभम आर्य, सदर विधायक संजय कुमार तिवारी, रेड क्रॉस सचिव डॉ श्रवण तिवारी समिति के सचिव बैकुंठ नाथ शर्मा, कोषाध्यक्ष सुरेश संगम, संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता, पूर्व आईपीएस आनंद मिश्र, विभिन्न समाजसेवी, व्यवसाई, जिला प्रशासन के अधिकारी बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।