जनक सत्कार और कालीदह लीला ने बांधा समां

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विजयादशमी महोत्सव का छठा दिन, राम ने किया अहिल्या का उद्धार                                                  बक्सर खबर। नगर के विशाल रामलीला मंच पर चल रहे 22 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव का छठा दिन भक्तिमय और रोमांचक रहा। शुक्रवार की देर रात वृंदावन से आई सुप्रसिद्ध मंडली श्री राधा माधव रासलीला एवं रामलीला संस्थान ने स्वामी सुरेश उपाध्याय ‘व्यास जी’ के निर्देशन में जनक सत्कार प्रसंग का भव्य मंचन किया। राम, लक्ष्मण और गुरुदेव विश्वामित्र जनकपुर की ओर बढ़ते हुए अहिरौली पहुंचे। वहां पत्थर बनी अहिल्या को प्रभु श्रीराम ने अपने चरण स्पर्श से मुक्त किया। इसके बाद गंगा पार कर जनकपुर की ओर प्रस्थान किया।रामलीला में दिखाया गया कि शंकर जी का धनुष रावण तक पहुंचता है लेकिन वह उसे उठा नहीं पाता। बाद में सीता जी ने सहज ही धनुष को उठा दिया। इस प्रसंग से प्रेरित होकर राजा जनक ने सीता स्वयंवर का आयोजन किया और घोषणा की कि जो धनुष तोड़ेगा, वही सीता का वरण करेगा। जनकपुर पहुंचने पर राजा जनक ने विश्वामित्र सहित राम और लक्ष्मण का भव्य स्वागत किया और उन्हें अपने महल में ठहराया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने मंचन का आनंद लेते हुए जयकारे लगाए।

दिन में मंचित कृष्णलीला ने भी दर्शकों का मन मोह लिया। कालीदह प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग के फनों पर खड़े होकर वंशी बजाई। इस दिव्य रूप को देखकर पूरा गोकुल झूम उठा और श्रद्धालु अभिभूत हो गए। मंचन के दौरान समिति के सचिव बैकुण्ठ नाथ शर्मा, संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता, कृष्ण कुमार वर्मा, निर्मल कुमार गुप्ता, उदय कुमार सर्राफ “जोखन”, राजकुमार गुप्ता, नारायण राय सहित कई पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।

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