नंदिता और सुरेश ने जिले का नाम किया रोशन

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शास्त्रीय संगीत में ‘विदुषी गिरिजा देवी सम्मान’ भोजपुरी नाटकों में ‘लोहा सिंह सम्मान’                                   बक्सर खबर। कहते हैं मेहनत और साधना कभी व्यर्थ नहीं जाती। इसका ताजा उदाहरण हैं जिले की भदवर गांव की शास्त्रीय संगीत साधिका कुमारी नंदिता, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिष्ठित ‘विदुषी गिरिजा देवी सम्मान’ से नवाजा गया। पत्रकार भूषण से सम्मानित जिले के युवा पत्रकार मंगलेश तिवारी की भगिनी को विशेष सम्मान मिलने पर पूरा जिला गर्व से भर उठा। नंदिता ने संगीत की शिक्षा अपने नाना स्व. राधेश्याम तिवारी से शुरू की। आगे चलकर प्रयाग संगीत समिति और बीएचयू से शास्त्रीय संगीत की औपचारिक पढ़ाई की। फिलहाल वे दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स कर रही हैं और नेट परीक्षा भी पास कर चुकी हैं। उनकी यह उपलब्धि आने वाले उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है।

गाजीपुर के लंका मैदान में जीवनोदय शिक्षा समिति के तत्वावधान में “परंपराओं का पुनः प्रतिष्ठापन: भारत एवं विदेशों में आदिवासी एवं भोजपुरी संस्कृति” विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई। इसमें मॉरीशस, तुर्की, अमेरिका और लीबिया से आए विद्वानों ने सहभागिता की। इसी मंच पर कांट गांव के वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश कांटक को भोजपुरी नाटकों और साहित्य में योगदान के लिए ‘लोहा सिंह सम्मान’ प्रदान किया गया।

फोटो – कुमारी नंदिता को सम्मानित करते अतिथि

पहले दिन की शाम कवि सम्मेलन और भोजपुरी लोकनृत्यों- धोबियाऊ, गोंड़ऊ, पवरिया की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नंदिता और सुरेश कंटक को मिला यह सम्मान न केवल उनकी मेहनत और लगन की पहचान है, बल्कि यह पूरे जिले के लिए भी गौरव का क्षण है। नंदिता की सफलता नई पीढ़ी के लिए यह संदेश है कि अनुशासन और संस्कृति से जुड़कर वैश्विक मंच तक पहुंचा जा सकता है।

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