कब्जे की कोशिशें 2023 से जारी, प्रशासन मौन, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, विश्वामित्र सेना ने संभाला मोर्चा बक्सर खबर। डुमरांव नगर परिषद के नावाडेरा गांव की ऐतिहासिक सार्वजनिक जमीन पर भू-माफियाओं की गंदी नजर पड़ने से इलाके में तनाव बढ़ता जा रहा है। यह वही जमीन है, जो 1857 की क्रांति में भाग लेने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने गांव वालों के हित में दान दी थी। वर्षों से यहां मछली पालन, मंदिर सेवा और जनकल्याण के काम होते आ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि 2023 से ही कुछ लोग इस जमीन पर कब्जा करने की फिराक में हैं। विरोध करने पर न सिर्फ उन्हें डराया-धमकाया गया, बल्कि उन पर झूठे मुकदमे भी लाद दिए गए। प्रशासन की चुप्पी ने लोगों का भरोसा तोड़ दिया है।
गुरुवार को विश्वामित्र (सेना) सेवा संस्था के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे खुद अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से कहा “ये जमीन देश के लिए जान देने वालों की निशानी है। इसे कोई छीन नहीं सकता। अगर प्रशासन ने आंखें मूंदीं, तो हम कोर्ट और सड़क दोनों पर लड़ाई लड़ेंगे।” सेनानी परिवार के वंशजों ने भी लिखित में कहा है कि यह जमीन आम लोगों की भलाई के लिए दी गई थी। बावजूद इसके, भू-माफिया लगातार इसे हथियाने की फिराक में हैं। गांव वालों की मांग है कि प्रशासन जमीन की असल स्थिति की जांच कर कब्जे की साजिश रोकें और झूठे मुकदमे करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें। चेतावनी दी गई है कि अगर जल्द कदम नहीं उठाया गया तो बड़ा आंदोलन होगा।