विभागीय कार्रवाई, वेतन स्थगन और स्वच्छता पर दिए सख्त निर्देश बक्सर खबर। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने गुरुवार को जिला स्थापना शाखा कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अनेक अनियमितताएं उजागर हुईं, जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए। निरीक्षण के दौरान स्थापना उप समाहर्ता ने जिलाधिकारी को विगत एक वर्ष की विभागीय कार्रवाई की जानकारी दी, जिसमें सामने आया कि 05 राजस्व कर्मचारी निलंबित किए गए हैं।10 राजस्व कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई प्रक्रिया में है। 03 राजस्व कर्मचारियों के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ प्राप्त हो चुका है। 02 कर्मचारियों के खिलाफ प्रपत्र ‘क’ की मांग की गई है। 02 कर्मचारियों से प्राप्त स्पष्टीकरण पर प्रतिवेदन मांगा गया है। 01 लिपिक को दंडित किया गया है जबकि 04 अन्य पर कार्रवाई जारी है। 01 लिपिक के विरुद्ध भी प्रपत्र ‘क’ प्राप्त हुआ है। 02 अमीनों पर विभागीय कार्रवाई चल रही है और 01 से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि 15 जून तक सभी लंबित मामलों में प्रतिवेदन प्राप्त कर कार्रवाई हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएं। मानव संसाधन से जुड़ी प्रक्रियाओं जैसे अवकाश प्रबंधन, सेवा सत्यापन, कैडर प्रबंधन, आईटीआई घोषणा, लोन रिकवरी इत्यादि में प्रगति असंतोषजनक पाई गई। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिन निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है, उनका मई माह का वेतन स्थगित किया जाए। इसके अलावा एक सप्ताह में समुचित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया गया।

जिलाधिकारी ने समाहरणालय के अंतर्गत रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति के निर्देश देते हुए कहा कि 15 दिनों के भीतर रोस्टर अनुमोदन कर सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्ताव भेजा जाए। निरीक्षण के दौरान कार्यालय परिसर की सफाई व्यवस्था बेहद खराब पाई गई। इस पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी कार्यालयों में व्यापक स्तर पर सफाई सुनिश्चित की जाए, और सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का अनुपालन किया जाए। निरीक्षण के दौरान स्थापना लिपिक जगनारायण राय द्वारा सही प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराए जाने पर उनसे शोकॉज करने का निर्देश भी दिया गया। निरीक्षण में प्राप्त और निष्पादन पत्रों की संख्या में गंभीर अंतर पाया गया। साथ ही उपस्थिति पंजी, अवकाश पंजी, गार्ड संचिका समेत अन्य दस्तावेजों की भी जांच की गई। इस क्रम में कर्मियों के स्थानांतरण का प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत करने तथा कार्यालय का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश स्थापना उप समाहर्ता को दिए गए।