बढ़ते अपराध के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने फूंका मुख्यमंत्री का पुतला बक्सर खबर। शहर के मेन रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय के समीप बुधवार को बिहार में बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया। पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए राज्य सरकार को अपराधियों का संरक्षक बताया। इस मौके पर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉ प्रमोद ओझा ने कहा कि पटना जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित राज्य के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले अस्पताल में हत्या होना इस बात का सुबूत है कि सरकार सिर्फ मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा, “बिहार में कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है, अब ये जंगलराज नहीं, महा जंगलराज बन चुका है।” डॉ मनोज ने कहा कि बिहार में अब डॉक्टर, इंजीनियर, महिला, पुरुष, व्यवसायी या भगवान रूपी किसान कोई भी सुरक्षित नहीं है। सरकार अपराधियों के साथ मिलकर राज्य को अराजकता की ओर धकेल रही है। उन्होंने कहा कि राजधानी पटना जैसे वीआईपी इलाके भी अब अपराधियों के निशाने पर हैं, जहां आम लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं।
इस विरोध प्रदर्शन में त्रिलोकी नाथ मिश्रा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मला देवी, कुमकुम देवी, रूनी देवी, संजय कुमार पांडेय, भोला ओझा, संजय दुबे, भृगुनाथ तिवारी, रोहित उपाध्याय, त्रिजोगी नारायण मिश्रा, अजय यादव, विनय सिंह, अभय मिश्रा, दीपक तुरहा, राकेश यादव, राजू यादव, बबन तुरहा, अधिवक्ता संजय पांडेय आदि शामिल रहे। इसी मुद्दे पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव कामेश्वर पांडेय और जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रवक्ता राम प्रसन्न द्विवेदी ने भी राज्य सरकार और एडीजीपी कानून-व्यवस्था के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जब सरकार से कानून व्यवस्था संभल नहीं रही है, तो अब वह किसानों को जिम्मेदार ठहराने की शर्मनाक कोशिश कर रही है। राजधानी में 15 दिनों में 14 हत्याएं इस बात का सुबूत हैं कि अपराधियों का मनोबल चरम पर है और उन्हें किसी कानून का डर नहीं रह गया।”