वैदेही वाटिका में राम–लक्ष्मण और मालियों की नोंकझोंक रही मुख्य आकर्षण बक्सर खबर। नया बाजार स्थित श्री सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम में रविवार को सिय-पिय मिलन महोत्सव के छठे दिन पुष्प वाटिका प्रसंग का रोमांचकारी मंचन हुआ। धनुष यज्ञ में भाग लेने आए प्रभु श्रीराम गुरु विश्वामित्र के पूजन हेतु फूल लेने वैदेही वाटिका पहुंचे तो वहां के मालियों ने हंसी–ठिठोली करते हुए उन्हें रोक लिया। इस पूरे दृश्य ने पंडाल में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंचन में मालियों ने पहले जनक नंदनी की जय बोलने की शर्त रखी। काफी देर तक राम-लक्ष्मण इससे इनकार करते रहे, पर मालियों की जिद के आगे अंततः श्रीराम को मिथिला व जनक नंदनी की जय बोलनी ही पड़ी।
जैसे ही जयघोष गूंजा, पूरा पंडाल जय जय श्री सीताराम से गूंज उठा। मालियों की भूमिका का नेतृत्व आश्रम के महंत राजाराम बाबा ने किया। उनके साथ अन्य कलाकारों ने दर्शकों को ऐसा अनुभव कराया मानो वे सचमुच त्रेतायुग के पुष्प वाटिका में मौजूद हों। खाकी बाबा सरकार के 56वें निर्वाण दिवस पर आयोजित इस विशेष आयोजन में मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास जी महाराज ने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय की नींव में खाकी बाबा का भी आशीर्वाद रहा है।

मंच से मामा जी महाराज की जीवनी पर आधारित पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। इस पावन अवसर पर समष्टि भंडारे में हजारों संतों व श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर स्वयं को धन्य महसूस किया। देशभर से आए भक्तों ने कहा कि यहां हर वर्ष ऐसा लगता है मानो आज भी मामा जी महाराज कण–कण में विराजमान हों।

पुष्प वाटिका प्रसंग के दौरान आश्रम परिसर जैसे मिथिला धाम में बदल गई। पंडाल में बना वैदेही वाटिका का मनोहारी दृश्य, कलाकारों की भावपूर्ण प्रस्तुति और लयबद्ध संवाद— सबने दर्शकों को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। सोमवार को हल्दी मटकोड़ व धनुष यज्ञ के साथ भगवान श्रीराम की भव्य बारात शहर में निकलेगी। स्वागत की तैयारी में शहरवासियों में खास उत्साह देखा जा रहा है।



































































































