बक्सर को उसकी वास्तविक पहचान मिलने पर युवाओं का पलायन थम जाएगा: राजकुमार चौबे बक्सर खबर। दल सागर खेल मैदान में रविवार को सनातन सभा सह-संस्कृति कार्यक्रम में जनसैलाब उमड़ पड़ा। विश्वामित्र सेना के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने एकजुट होकर जिले की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की अगुवाई विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने की। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “बक्सर का इतिहास जितना गौरवशाली है, उतना ही उपेक्षित भी रहा है।” उन्होंने कहा कि वर्षों से सत्ता में बैठे लोगों ने बक्सर के विकास की उपेक्षा की है यह जिला बिहार का सबसे विकसित क्षेत्र बन सकता था, परंतु नेताओं ने इसे केवल लूटने का काम किया। उन्होंने 2025 के विधानसभा चुनावों की ओर इशारा करते हुए कहा, अबकी बार बक्सर से बाहरी उम्मीदवारों को खदेड़कर भगाया जाएगा।
राजकुमार चौबे ने बताया कि बक्सर का इतिहास सतयुग और त्रेतायुग से जुड़ा हुआ है, फिर भी यहां की सांस्कृतिक धरोहरों की अनदेखी हुई है। उन्होंने कहा, मैंने स्वयं प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है ताकि बक्सर की प्राचीन पहचान को बचाया जा सके। आज सरकार विकास के काम करने को इसलिए मजबूर है क्योंकि विश्वामित्र सेना ने जनता की आवाज को बुलंद कर दिया है। उन्होंने जिले की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि न रोजगार है, न बेहतर शिक्षा व्यवस्था। युवाओं को पलायन करना पड़ता है। अगर बक्सर को उसकी असली पहचान मिल जाए, तो किसी को घर छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

सभा में उन्होंने सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, 24 नवंबर के बाद नई सरकार बनेगी, लेकिन सवाल यह है कि इस सरकार ने बक्सर को आखिर क्या दिया? मंदिरों की भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है, विकास ठप है और धर्मरक्षक वामन अवतार जेल में हैं यह बक्सर का दुर्भाग्य है। कार्यक्रम के अंत में विश्वामित्र सेना ने बक्सर की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को मजबूत करने का संदेश दिया और प्रतिज्ञा ली कि बक्सर को उसकी गौरवशाली पहचान वापस दिलाई जाएगी।




































































































