शिक्षा के साथ सनातनी संस्कार भी जरूरी: राजकुमार चौबे

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संस्था द्वारा संचालित जिले के पांचों निशुल्क शिक्षा केंद्रों पर वार्षिक जांच परीक्षाएं शुरू                               बक्सर खबर। महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन और विश्वामित्र सेना ने एक शानदार पहल की है, जिससे सैकड़ों बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि सनातनी मूल्यों और संस्कारों की शिक्षा भी मिल रही है। संस्था द्वारा संचालित जिले के पांचों निशुल्क शिक्षा केंद्रों पर मंगलवार से वार्षिक जांच परीक्षाएं शुरू हो गई हैं, जो इन बच्चों की साल भर की पढ़ाई का हिसाब लेंगी। ये केंद्र खासकर सेवा बस्तियों और ग्रामीण इलाकों के गरीब और पिछड़े बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।

महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन और विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने इस मौके पर एक बड़ी बात कही। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “शिक्षा के साथ-साथ सनातनी संस्कार भी उतने ही जरूरी हैं। आज हम केवल किताबों का ज्ञान ही नहीं दे रहे, बल्कि बच्चों को उनके सांस्कृतिक मूल्यों से भी जोड़ रहे हैं। यही हमारे राष्ट्र की असली ताकत है।” चौबे ने आगे जोड़ा कि उनका मकसद समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक शिक्षा पहुंचाना है और वे इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। इस पहल से उन बच्चों को खास फायदा मिल रहा है, जो आर्थिक तंगी के कारण अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। यह एक ऐसा कदम है जो बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के साथ-साथ उन्हें एक जिम्मेदार और संस्कारी नागरिक भी बनाएगा।

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