बक्सर खबर : डुमरांव के जदयू विधायक ददन यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास मामले में न्यायालय ने आरोप गठित कर दिया है। बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर जिला व सत्र न्यायाधीश आर एन पांडेय ने उनके खिलाफ दफा 307 एवं 325 में सुनवाई प्रारंभ करने की अनुमति दे दी। यह प्रकिया पूरी हो जाने के बाद अगली तिथि से सुनवाई की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। ऐसा माना जा रहा है कि पांच या छह गवाहियों के बाद ददन के खिलाफ न्यायालय से फैसला आ सकता है। जिसके बाद उनकी कुर्सी पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इस वजह से डुमरांव में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
नहीं तय हुई है अगली तारीख 
बक्सर : मुकदमा संख्या 92/2005 में अभी तक अगली तिथि न्यायालय द्वारा तय नहीं की गई है। जैसे-जैसे इसमें तारीख पड़ेगी। इस मुकदमें में फैसले की तिथि नजदीक आएगी। वैसे बचाव पक्ष की तरफ से पुरजोर कोशिश होगी। मुकदमें में धारा 307 को यथावत रखा जाए। इसके अलावा इसमें दफा 325 का भी चार्ज है।
ददन समेत कुल ग्यारह हैं नामजद 
बक्सर : 25 अक्टूबर 2005 को ददन यादव समेत कुल बारह लोगों ने राजद नेता रामजी यादव पर जानलेवा हमला किया था। पिछले बाहर वर्ष से यह मामला विभिन्न न्यायालयों में घूमता रहा। इस दौरान एक अभियुक्त रामाशंकर यादव की मौत हो गई। फिलहाल जिन लोगों के खिलाफ आरोप गठित हुआ है। उनमें ददन यादव, मदन यादव, मनोज यादव, भुअर यादव, भीम यादव, लक्ष्मण यादव, रामबचन सिंह यादव, लक्ष्मण तुरहा, खुशी चंद महतो, अख्तर हुसैन, सुबोध यादव शामिल हैं।
फैसले में लगेगा वक्त 
बक्सर : डुमरांव विधायक ददन यादव के खिलाफ न्यायालय का फैसला आने में काफी वक्त लगेगा। क्योंकि गवाही और सुनवाई का दौर चलेगा दाव पेंच का दौर। पिछले कई डेट से अभियुक्त भुअर यादव के नाम पर यही हो रहा था। वादी रामजी यादव के अधिवक्ता सरोज उपाध्याय से हमने सवाल किया। यहां से अगर सजा हो जाती है। तो क्या ददन पर कार्रवाई तय है, बचाव पक्ष फैसले को चुनौती दे लटका सकता हैं? उपाध्याय ने कहा बचाव पक्ष उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। यह उसका अधिकार है। अर्थात बाहर वर्ष से चला आ रहा मुकदमा और लंबा खींचा जा सकता है। इस दौरान विधायक की कुर्सी भी बची रहेगी।
 
            






