बक्सर खबर : जिले में नक्सली एक बार फिर नक्सली अपना पांव पसार रहे हैं। इसका खुलासा मिलु चौधरी की हत्या से हुआ है। कुछ लोग यह सोच कर परेशान थे। आखिर पुलिस मिलु चौधरी हत्या कांड को इतना महत्व क्यूं दे रही है। इसका राज अब धीरे-धीरे खुलकर सामने आ रहा है। मिलु चौधरी की हत्या के पीछे सिर्फ गांव की राजनीति नहीं थी। वह नक्सली संगठन की सोची समझी साजिश थी। जिसके तहत उन्हें निशाना बनाया गया। घटना को अंजाम देने वाले गिरफ्तार नक्सली छेदी पासवान अंगियांव बाजार, जिला आरा। ने जो बयान पुलिस को दिए हैं। वह चौकाने वाले हैं। हत्या की योजना बनाने के लिए बरुहां में बैठक हुई थी। नक्सली संगठन के लोगों का कहना था। चौधरी जब तक रहेगा। हमारी राह का रोड़ा बना रहेगा। क्योंकि मिलु चौधरी भी इस संगठन से पुराना नाता रहा है। पिछले कुछ वर्षो से वे इससे अलग हो गए थे। उसके बाद से ही अदावत जारी थी। इसी योजना के तहत चौधरी को निशान बनाया गया। छेदी ने यह भी माना कि उसने ही चौधरी को गोली मारी। उसने अन्य शामिल सदस्यों के बारे भी जानकारी दी है। इसकी भनक लगते ही पुलिस ने सबसे पहले आजाद पासवान को अंदर किया। क्योंकि वह सिकरौल व नावानगर इलाके का पुराना अपराधी था। कई नक्सली वारदातों में उसका हाथ था। चौधरी की हत्या में जो अन्य नामजद अभियुक्त हैं। वे सभी कहीं न कहीं नक्सली गतिविधियों को परश्रय देने वाले हैं। यह मानकार पुलिस सरगर्मी से उनकी तलाश कर रही है। इस संदर्भ में पूछने पर एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया- छेदी को आरा पुलिस ने जेल भेजा है। उसने मिलु चौधरी की हत्या में अपना जुर्म कबूल किया है।































































































