डीएम ने जताई नाराजगी, अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब बक्सर खबर। जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को समाहरणालय सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में टीकाकरण से लेकर मरीजों के इलाज में हो रही देरी तक कई गंभीर खामियां सामने आईं। डीएम ने नाराजगी जताते हुए जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा और सुधार के लिए सख्त निर्देश दिए। बैठक में जुलाई माह का आंकड़ा देखा गया, तो पाया गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिमरी में पूरे महीने में केवल 4 बच्चों का ही टीकाकरण हुआ। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि वहां टीके की कमी थी, लेकिन डीएम ने इस जवाब को असंतोषजनक मानते हुए स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया।मरीजों के इलाज के लिए सदर अस्पताल में औसतन 46 मिनट प्रतीक्षा करनी पड़ती है, जो सबसे अधिक है। डीएम ने नाराजगी जताते हुए समय घटाकर 10 मिनट तक लाने का आदेश दिया। साथ ही पाया गया कि चिकित्सक समय पर ओपीडी शुरू नहीं करते।
सदर अस्पताल के डॉ. जयराम और पीएचसी डुमरांव के डॉ. कुमार गौतम ने सुबह 11 बजे के बाद ही मरीज देखना शुरू किया, जिस पर कड़ी नाराजगी जताई गई। डीएम ने निर्देश दिया कि रजिस्ट्रेशन होते ही इलाज शुरू हो और लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 9 से 14 साल की बालिकाओं के लिए एचपीभी वैक्सीन कार्यक्रम में अब तक केवल 2952 बालिकाओं का ही टीकाकरण हो पाया है। जब डीएम ने लक्ष्य के बारे में पूछा तो सिविल सर्जन कोई जानकारी नहीं दे सके। इस पर निर्देश दिया गया कि पहले लक्ष्य तय करें, फिर समयसीमा में उसे पूरा करने की कार्ययोजना बनाएं। साथ ही लोगों को जागरूक करने का अभियान भी चलाने का आदेश दिया गया।
बीसीजी टीका उपलब्धि की समीक्षा में राजपुर सीएचसी का प्रदर्शन सबसे खराब (39%) पाया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया। डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर योजना बनाएं ताकि प्राइवेट संस्थानों में जन्म लेने वाले बच्चों का भी शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित हो। सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी के समय ही बच्चों को टीका देने की व्यवस्था करने को कहा गया।

































































































