बसंत चौबे ने यूजीसी नेट जेआरएफ क्वालीफाई कर बढ़ाया जिले का मान

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उच्च स्तरीय शोध के साथ, सिविल सेवा में जाकर राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का लक्ष्य                            बक्सर खबर। कमरपुर पंचायत के बलुआ गांव के बसंत कुमार चौबे ने हाल ही में घोषित यूजीसी नेट जेआरएफ परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर पूरे जिले का नाम रोशन किया है। मनोज चौबे के सुपुत्र बसंत की इस उपलब्धि से परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। बसंत की यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि UGC NET JRF परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। आंकड़ों के अनुसार, इस परीक्षा में केवल 0.6 प्रतिशत यानी हर 1000 छात्रों में से मात्र 6 छात्र ही सफल हो पाते हैं। बसंत ने इसी कड़ी चुनौती को पार कर यह मुकाम हासिल किया है। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को यूजीसी द्वारा शोध के लिए लगभग 50,000 रुपए प्रति माह की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

बसंत की शुरुआती शिक्षा बक्सर में ही हुई। उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई सेंट मेरिस उच्च विद्यालय से और 12वीं एमवी कॉलेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने अपनी स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई देश के प्रतिष्ठित काशी हिंदू विश्वविद्यालय से की। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ बसंत एक ऑनलाइन शिक्षण यूट्यूब चैनल ‘द हिस्टोरिका’ भी चलाते हैं। इस चैनल के माध्यम से उन्होंने हजारों छात्रों को उनके पसंदीदा विश्वविद्यालय में प्रवेश दिलाने में मदद की है, जिससे उनके सपनों को पंख लगे हैं।

बसंत चौबे का फाइल फोटो

बसंत बताते हैं कि एक मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण घर का खर्च और अपनी पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाना आसान नहीं था। लेकिन, उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों के आशीर्वाद और दोस्तों के सहयोग को दिया है, जिनके समर्थन से यह सब संभव हो पाया। बसंत का लक्ष्य अब किसी अच्छे शिक्षण संस्थान से शोध कार्य करना है। इसके साथ ही, वे सिविल सेवक बनकर देश की सेवा करने का भी सपना देखते हैं। बसंत की यह सफलता निश्चित रूप से जिले के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

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