आम की खेती में वैज्ञानिक तरीका अपनाएं, उत्पादन बढ़ाएं

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किसानों को सघन बागवानी से लेकर विपणन तक की दी गई जानकारी                                                   बक्सर खबर। लालगंज स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में शुक्रवार को जिले के प्रगतिशील आम उत्पादक किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था “आम फसल में गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेस” जिसमें आम की वैज्ञानिक खेती से जुड़े हर पहलू पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ वैज्ञानिक सह प्रमुख डॉ. देवकरन, उप परियोजना निदेशक आत्मा बेबी कुमारी और सहायक निदेशक किरण भारती द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। डॉ. देवकरन ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आम की अच्छी पैदावार के लिए पोषक तत्वों का सही मात्रा में उपयोग और जल प्रबंधन बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि फूल आने से पहले और फल लगने के बाद पौधों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि उत्पादन पर विपरीत असर न पड़े।

कृषि विशेषज्ञ हरिगोविन्द ने अल्फांसो, केसर, नीलम, दशहरी और आम्रपाली जैसे आम के लोकप्रिय किस्मों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने गुणवत्तायुक्त पौध तैयार करने और रोपण की सही तकनीक किसानों को समझाई। वहीं डॉ. रामकेवल ने आम के बाग लगाने से पहले खेत की तैयारी, रोग और कीट नियंत्रण के उपाय, फल पकाने की वैज्ञानिक विधि और विपणन की प्रक्रिया को सरल भाषा में बताया। प्रक्षेत्र प्रबंधक आरीफ प्रवेज ने किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित आम बगीचे का भ्रमण कराया और सघन बागवानी पद्धति की तकनीकी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि कम जगह में अधिक उत्पादन के लिए यह तरीका काफी कारगर है। इस मौके पर आत्मा की उप परियोजना निदेशक और उद्यान विभाग की सहायक निदेशक ने किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी, जिससे किसान लाभ उठा सकें।

इस प्रशिक्षण में 25 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया, जिनमें गौरी शंकर सिंह, टुनु प्रसाद, राकेश कुमार सिंह, जयप्रकाश सिंह, पंचदेव, आलोक राय, अरविंद्र कुमार आदि शामिल थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि विज्ञान केंद्र के रवि चटर्जी, सरफराज अहमद खान, मुकेश कुमार एवं आत्मा कार्यालय के अजय कुमार सिंह व शिव कुमार ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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