प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का पुतला दहन, विपक्ष ने भी साधा निशाना बक्सर खबर। बिहार सरकार और एनडीए के पांच नेताओं पर प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप अब सियासत का बड़ा मुद्दा बनते जा रहे हैं। शनिवार को जिला मुख्यालय में छात्र-युवा संगठनों ने इस मुद्दे पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। अंबेडकर चौक से ज्योति प्रकाश चौक तक ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और इंकलाबी नौजवान सभा के बैनर तले आक्रोश मार्च निकाला गया। मार्च के अंत में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर अपना गुस्सा जाहिर किया।
प्रदर्शनकारियों के नारे और मांगें- घोटाले में फंसे मंत्रियों को तत्काल कैबिनेट से बर्खास्त करो। आरक्षण के नाम पर ईडब्ल्यूएस में धांधली बंद करो। एएलपी परीक्षा घोटाले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो। शिक्षा और रोजगार में आरक्षण खत्म करने की साजिश नहीं चलेगी। शोषित-वंचितों के हक पर डाका डालना बंद करो। भ्रष्टाचारियों को कैबिनेट से बाहर करो। लूट-खसोट करने वालों की सरकार बिहार में नहीं चलेगी। छात्र-युवाओं ने आरोप लगाया कि असिस्टेंट लोको पायलट भर्ती परीक्षा में भारी घोटाला हुआ है जिससे लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। उन्होंने नारा लगाया मोदी-नीतीश चुप्पी तोड़ो, भ्रष्ट मंत्रियों को जेल भेजो। मार्च में आईसा के जिलाध्यक्ष अनुप शर्मा, नगर अध्यक्ष अखिलेश ठाकुर, अंकित सिद्धार्थ, रिया के जिला संयोजक राजदेव सिंह, दीपू, जितेंद्र, विकास, धनंजय, शिव, तनू, मोनीब, ओमप्रकाश नगर सचिव, माले, राजाराम, सोनू, चातरघुम समेत अन्य छात्र-युवा शामिल हुए।

उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएन चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नीतीश सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सुशासन का ढोल पीटने वाली सरकार की पोल अब खुल रही है। मुख्यमंत्री अपने ही मंत्रियों पर लगे आरोपों पर चुप्पी साधे हुए हैं। चौबे ने तंज कसते हुए कहा कि चुनाव से पहले ही सरकार की नाकामियां सामने आ गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं को लेमनचूस और दस-दस हजार देकर वोट खरीदने का खेल शुरू हो चुका है, लेकिन जनता अब गुमराह नहीं होगी।