-सहायक नदियों ने मचाया उत्पात, बढ़ने का सिलसिला जारी
बक्सर खबर। गंगा जिले में खतरे के लाल निशान को पार कर गई हैं। रविवार को दिन के ग्यारह बजे पानी लाल निशान को छू गया। दोपहर एक बजे इसका उच्चतम स्तर 60.35 आंका गया। बढ़ने की गति एक सेंटीमीटर प्रति घंटे है। अर्थात पानी अभी और बढ़ेगा। साथ ही दियारा इलाके में परेशानी भी खड़ी करेगा। गाजीपुर और वाराणसी में भी पानी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। पाठकों की जानकारी के लिए हम बता दें। बक्सर में चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर है। खतरे का निशान इससे एक मीटर उपर अर्थात 60.32 है।
केन्द्रीय जल आयोग के सहायक अभियंता विशाल कुमार के अनुसार वर्ष 2016 में गंगा 62.09 मीटर तक पहुंची थी। यह बक्सर में अब तक का सर्वाधिक उच्च स्तर है। गंगा में पानी बढ़ने के कारण सहायक नदियों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। ठोरा में पानी बढ़ने से पुलिया व बलुआ के रास्ते पर पानी चढ़ गया है। सदर प्रखंड के कई गांव जैसे करहसी, जरिगांवा, भटवलिया, हरिपुर, नावागांव आदि का संपर्क पथ जलमग्न हो गया है। वहीं दूसरी तरफ कर्मनाशा ने भी बनारपुर, सिकरौल, सोनपा आदि गांवों में पानी धकेल दिया है। कैमूर व बक्सर की सीमा से लगी धर्मावती नदी भी उफान पर आ गई है। इस वजह से सैकड़ों बीघा में लगी धान की फसल जलमग्न हो गई है।

फिलहाल पानी बढ़ने का जो सिलसिला है। यह बड़े खतरे का अंदेशा है। क्योंकि कहने के लिए एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है। इसका प्रभाव बहुत ही गंभीर है। क्योंकि लाखों लीटर पानी मैदानी इलाके में फैलने के बाद भी अगर पानी बढ़ने की गति जारी है। तो वह खतरे का अंदेशा है। वैसे गांव जो नदी किनारे अथवा दियारा इलाके में बसे हैं। उन्हें सूखा खाना, जरूरी दवाएं और माचिस, मोमबत्ती आदि का इंतजाम कर लेना चाहिए। साथ ही पानी से घिरे गांव वालों को रात के वक्त जहरीले जानवरों जैसे सांप, बिच्छू आदि का खतरा रहता है। उन्हें आवश्यक सतर्कता बरतनी चाहिए।