कृषि विभाग का बजट पांच करोड़ 70 लाख

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-एक ही किसानों को बार-बार प्रशिक्षण व काम तमाम
बक्सर खबर। कृषि विभाग के आत्माशासी पर्षद की बैठक बुधवार को समाहरणालय सभा कक्ष में हुई। जिलाधिकारी अमन समीर इसकी अध्यक्षता कर रहे थे। जिला कृषि पदाधिकारी-सह-परियोजना निदेशक (आत्मा) के पांच करोड़ सत्तर लाख एकतीस हजार आठ सौ रूपये की वार्षिक कार्य योजना का बजट पॉवर प्वाइंट प्रेजेटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी ने कहा वार्षिक कार्य योजना में प्रशिक्षण का विषय किसानों के मंतव्य के आधार पर होना चाहिए।

बक्सर जिले में मधुमक्खी पालन, मशरूम पालन, मत्स्य पालन, लेमनग्रास जैसे विषयों पर प्रशिक्षण देकर खेती को फायदेमंद बनाया जा सकता है। आगे उन्होंने कहा कि जिले में अनेक कृषक आधुनिक तकनीक खेती से वंचित है। वैसे कृषकों में प्रत्येक क्षेत्र से जरूरतमंद किसानों का चयन कर मासिक रूप से बैठक में शामिल करने की आवश्यकता है। इनफार्मेशन डिसेमिनेसन, प्रिंट लीफलेट बुकलेट पर चर्चा करते हुए कहा कि जिले में सफल किसानों द्वारा कृषि संबंधी क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ट कार्य, आगामी होने वाले प्रशिक्षण, परिभ्रमण, कृषि से सम्बद्ध विभाग की योजना को बुकलेट के माध्यम से छपवाकर अन्य कृषकों के बीच प्रचार-प्रसार कराने का निदेश दिया गया।

जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने जिला पदाधिकारी द्वारा दिए गए सुझाव को शीध्र अमल करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जिले में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को बामेती पटना द्वारा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की शुरूआत की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन पर नियमानुसार अग्रेतर कार्य कर किसानों को किसान श्रेष्ठ, किसान गौरव तथा किसान श्री की उपाधि प्रदान कर पुरस्कृत किया जायेगा। बैठक में उप विकास आयुक्त बक्सर, जिला पशुपालन पदाधिकारी, सहायक निदेशक उद्यान पदाधिकारी बक्सर एवं प्रभारी उप परियोजना निदेशक उपस्थित थे। यह जानकारी जिला प्रशासन ने उपलब्ध करायी है। इस संदर्भ में चर्चा करने पर कुछ किसानों ने कहा। सबकुछ कागजी खेल है। कुछ चुनिंदा कागजी किसान हैं। जो अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं। वही बार-बार प्रशिक्षण लेने जाते हैंं। कुछ खास जगहों पर प्रशिक्षण होता है। यह सबकुछ सरकारी राशि के अपव्यय का खेल है।

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