पशुपालकों को अब घर बैठे मिलेगी इलाज की सुविधा

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मुर्गी से लेकर बकरी पालन योजनाओं की समीक्षा, अफसरों को चेतावनी                                           बक्सर खबर। मंगलवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति, अफसरों की कार्यशैली और जमीनी हकीकत पर विस्तार से चर्चा की गई। जिला पशुपालन पदाधिकारी ने जानकारी दी कि जिले में समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत 3000 क्षमता वाले ब्रायलर फार्म और 5000 व 10,000 क्षमता वाले लेयर फार्म की योजनाएं संचालित हो रही हैं। इसके साथ ही बकरी एवं भेड़ पालन योजना के अंतर्गत 20, 40 और 100 बकरियों की विभिन्न योजनाएं भी लागू हैं।

डीएम ने निर्देश दिया कि भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी की प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति और उनके द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा कर समेकित रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।बैठक में बताया गया कि राज्य के पशुपालक टोल फ्री नंबर 1962 या मोबाइल ऐप के जरिए पशु चिकित्सा की सुविधा ले सकते हैं। मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के जरिए पशुपालकों के घर पर इलाज की व्यवस्था की जाती है। डीएम ने निर्देश दिया कि विभागीय योजनाओं की जानकारी व्यापक रूप से दी जाए। इसके लिए प्रखंड स्तर पर कैम्प लगाकर योजनाओं को आमजनों तक पहुंचाया जाए।

राष्ट्रीय पशुधन मिशन और टीकाकरण योजना में असंतोषजनक प्रगति पर जिला पशुपालन पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही उनका वेतन स्थगित करने का आदेश भी दिया गया।मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना, राहत-सह-बचत योजना, तालाब निर्माण समेत कई मत्स्य योजनाओं में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर जिला मत्स्य पदाधिकारी से भी जवाब तलब किया गया है। जिला गव्य विकास पदाधिकारी की लगातार अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है और उनकी जानकारी विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

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