शिवधनुष टूटते ही परशुराम हुए क्रोधित, फिर जनकपुर में बजी शहनाई 

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रामलीला में दर्शक हुए भावविभोर, दिन में नरसी मेहता प्रसंग ने छुआ दिल                                                   बक्सर खबर। किला मैदान में चल रहे 22 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के नवें दिन सोमवार की रात रामलीला मंच पर ऐसे प्रसंग हुए, जिन्हें देख दर्शक भावविभोर हो उठे। राधा माधव रासलीला एवं रामलीला मंडल, वृंदावन के स्वामी सुरेश उपाध्याय “व्यास जी” के कुशल निर्देशन में लक्ष्मण-परशुराम संवाद और श्रीराम विवाह का मंचन किया गया। श्रीराम द्वारा शिवधनुष भंग किया गया तो परशुराम जी क्रोध से सभागार में आ धमके। मंच पर उनके और लक्ष्मण जी के बीच हुए तीखे संवाद ने माहौल रोमांचक बना दिया। परशुराम का संदेह तब दूर हुआ जब राम ने अपनी छाती पर भृगु ऋषि का चिन्ह दिखाया।

तत्पश्चात उन्होंने परशुराम का धनुष उठाकर संशय मिटाया। परशुराम जी राम को प्रणाम कर वन में तप के लिए चले गए। इसके बाद मंच पर जनकपुर का दृश्य सजीव हुआ। महाराज दशरथ बारात लेकर पहुंचे और चारों भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का भव्य विवाह संपन्न हुआ। दिन के सत्र में नरसी मेहता प्रसंग का मंचन हुआ। जब संतों को भगवान कृष्ण ने सांवल शाह बनकर द्वारका में हुंडी चुकाई, तो दर्शक भावविभोर हो गए। आयोजन के दौरान समिति के बैकुण्ठ नाथ शर्मा, संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता, कोषाध्यक्ष सुरेश संगम समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

फोटो – किला मैदान में रामलीला देखते श्रद्धालु

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