राजपरिवार के प्रयास से शुरू हुआ संरक्षण और संग्रहालय निर्माण की प्रक्रिया बक्सर खबर। डुमरांव की अनमोल और दुर्लभ धरोहर अब सुरक्षित हाथों में होगी। डुमरांव राजपरिवार के आग्रह पर इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज ने सोमवार से संरक्षण और संग्रहालय निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीताराम उपाध्याय संग्रहालय के प्रभारी एवं इन्टैक बिहार चैप्टर के को-कन्वेनर डॉ. शिव कुमार मिश्र ने बताया कि डुमरांव राजपरिवार ने अपनी अमूल्य धरोहर को बचाने के लिए इंटैक से मदद मांगी थी। इसके तहत जून महीने में इन्टैक लखनऊ के डायरेक्टर डॉ. धर्मेंद्र मिश्र ने यहां की धरोहरों का अवलोकन किया था। उस दौरान युवराज शिवांग विजय सिंह ने उन्हें राजपरिवार की धरोहर और मंदिरों के भित्तिचित्रों से परिचित कराया था।
डॉ. मिश्र के मुताबिक इन्टैक लखनऊ से आए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ दल ने सोमवार से सर्वेक्षण और प्रलेखन का काम शुरू कर दिया है। टीम में विशेषज्ञ सुरेश सिंह, सौरभ कर्माकर और मुकेश विश्वकर्मा शामिल हैं। इन लोगों ने बिहारी जी मंदिर, राजराजेश्वरी मंदिर और जानकीनाथ मंदिर में बने दुर्लभ भित्तिचित्रों का अवलोकन किया। साथ ही राजपरिवार के पुराने हथियारों का भी बारीकी से अध्ययन कर उनका दस्तावेजीकरण शुरू कर दिया। विशेषज्ञों के सर्वेक्षण और प्रलेखन कार्य के बाद संरक्षण एवं संग्रहालय निर्माण का प्राक्कलन तैयार किया जाएगा। डॉ. मिश्र ने बताया कि इन्टैक दुनिया की सबसे बड़ी संस्था है, जिसने भारत ही नहीं बल्कि विदेशों की धरोहरों को भी संरक्षित किया है।